नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम को लेकर विवाद हो गया है। दरअसल विश्वविद्यालय के काॅमर्स पाठ्यक्रम में बताया गया है कि विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम में बताया गया है कि विद्यार्थियों को ईमेल इस तरह ड्राफ्ट करने चाहिए कि वे स्कर्ट की ही तरह हों। अब इस मसले पर विवाद हो गया है। हालांकि विवाद केवल इसे लेकर ही नहीं हुआ है विवाद तो महाराष्ट्र के हायर सेकेंड्री स्कूल की एक किताब में भी हुआ है दहेज प्रथा को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है। टैक्स्ट के अनुसार ई मेल को स्कर्ट की तरह छोटा व दिलचस्प होना चाहिए। ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने कहा कि यह एक तरह से कुंठित मानसिकता का परिचायक है। उनका कहना था कि महिलाओं को यौन संतुष्टि के साधन की तरह देखा जाना ठीक नहीं है। अभी भी इस तरह की मानसिकता बनी रहती है। ये सच है कि आधी शक्ति यानी नारी शक्ति के बारे में हमें संकुचित सोच से बाहर निकलने की जरूरत है। कोई भी समाज या देश नारी शक्ति के संतुलित विकास के बगैर आगे नहीं बढ़ सकता है। 20वीं सदी की शुरुआत से ही महिलाओं को दुर्दशा के खिलाफ आंदोलनों की शुरुआत हुई। बीतते समय के साथ साथ महिलाएं अलग अलग क्षेत्रों में परचम लहराया है। बावजूद उसके महिलाएं अलग अलग तरह के उलाहनों का शिकार बन जाती हैं। 1955 में प्रकाशित पुस्तक लोलिता को लेकर भी विवाद हुआ। इस पुस्तक में लेखक ने बच्ची के प्रति अपने प्रेम को बताया था। सलमान रूश्दी की पुस्तक को लेकर भी विवाद हो चुका है। इस पुस्तक को लेकर रूश्ती की मौत का फतवा तक जारी कर दिया गया था। पुस्तकों पर विवाद को लेकर मनोचिकित्सक डॉ परनीता गौर ने बताया कि आम तौर पर इस तरह के उदाहरणों को देने का मतलब ये है कि छात्र आसानी से सीख सकें। DU Delhi University : 1408 पदों पर होगी भर्ती जल्द करें अप्लाई डीयू में ISIS समर्थन में संदेश लिखे मिले दिल्ली विश्वविद्यालय में 360 असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर होगी भर्ती