नईदिल्ली। नवदुर्गा उत्सव में मूर्ति विसर्जन की समय सीमा को तय करने को लेकर पश्चिम बंगाल राज्य की मुख्यमंत्री, ममता बनर्जी की आलोचना की जा रही है। इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में वाद चल रहा है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में कहा कि विजयादशमी के दिन रात्रि 10 बजे तक लोगों द्वारा मूर्ति विसर्जन किया जा सकता है। हालांकि सरकार ने पहले इस मामले में, शाम करीब 6 बजे तक की अवधि निर्धारित की थी। शुक्रवार को की गई सुनवाई में राज्य सरकार ने सवाल किए और कहा कि, मुंबई में गणेश विसर्जन व मुहर्रम एक साथ प्रबंधित किया जा सकता है तो फिर पश्चिम बंगाल में मूर्तिविसर्जन को लेकर इस तरह की बात क्यों नहीं हो सकती है। हालांकि अब मामले की सुनवाई सोमवार को होना है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मूर्ति विसर्जन को लेकर 23 अगस्त को ट्वीट किया था, जिसके विरूद्ध याचिका दायर की गई थी। उल्लेखनीय है कि विजयादशमी के अगले दिन मुहर्रम का पर्व मनाया जाना है। ऐसे में विसर्जन की अनुमति पहले शाम 6 बजे तक ही दी गई थी मगर बाद में न्यायालय में वाद दायर होने के बाद इसे बढ़ाकर 10 बजे करने की बात कही गई। दूसरी ओर यह भी कहा गया था कि मूर्ति विसर्जन 2 अक्टूबर को किया जा सकता है। हालांकि अभी इस मामले में न्यायालय में प्रकरण चल रहा है और मामले की सुनवाई होना है। मगर सोशल मीडिया पर सीएम ममता बनर्जी के निर्णय की आलोचना की जा रही है। सीएम ममता बनर्जी ने अपने ट्विटर में लिखा था कि दो बड़े समुदाय के प्रमुख धार्मिक आयोजनों के साथ ठीक नहीं हो रहा है। इसे लेकर यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया कार्यालय के पदाधिकारी सनप्रित सिंह अजमानी, कुलदीप राय और रिकी राय की और से याचिका की गयी थी। जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री के ट्विटर अकाउंट के लाखों फॉलोवर हैं और ये समुदाय विशेष के तुष्टिकरण के लिए बड़े समुदाय के धार्मिक रस्म रिवाज के साथ ठीक नहीं किया जा रहा है। इससे भावनाएं आहत होने के साथ, सद्भाव बिगड़ने की भी आशंका है। साथ ही संविधान की धारा 14, 25 और 26 का उल्लंघन भी है। अब इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी। लालू की महारैली में विपक्ष हुआ एकजुट, केंद्र के खिलाफ दिखा आक्रोश लालू की रैली में डांसरो के साथ नाचते नजर आये नेता, लुटाये गए नोट