स्वतंत्र भारत से भी पहले की पहली महिला बैरिस्टर कार्नेलिया सोराबजी का आज 151वां जन्मदिवस है. गूगल ने एक खास डूडल बनाकर उनको श्रद्धांजलि समर्पित की. कार्नेलिया सोराबजी का जन्म 15 नवम्बर 1866 को नासिक में हुआ था. सोराबजी समाज सुधारक होने के साथ-साथ एक लेखिका भी थीं. कार्नेलिया 1892 में नागरिक कानून की पढ़ाई के लिए विदेश गयीं और 1894 में भारत लौटीं. उस समय समाज में महिलाओं को इतनी प्रमुखता नहीं दी जाती थी और न ही महिलाओं को वकालत का अधिकार था. लेकिन कार्नेलिया तो एक जुनून का नाम था. अपनी प्रतिभा की बदौलत उन्होंने महिलाओं को कानूनी सलाह देना शुरू किया और महिलाओं के लिए वकालत का पेशा खोलने की मांग उठाई. अंतत: 1907 के बाद कार्नेलिया को बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम की अदालतों में सहायक महिला वकील का पद दिया गया. एक लम्बी जद्दोजहद के बाद 1924 में महिलाओं को वकालत से रोकने वाले कानून को बंद किया और उनके लिए भी यह पेशा खोल दिया गया. 1929 में कार्नेलिया हाईकोर्ट की वरिष्ठ वकील के तौर पर सेवानिवृत्त हुयीं पर उसके बाद महिलाओं में इतनी जागृति आ चुकी थी कि वे वकालत को एक पेशे के तौर पर अपनाकर अपनी आवाज मुखर करने लगी थीं. ब्रेकअप करने के पहले ऐसे-ऐसे ख्याल आते हैं मन में Video : भाई ऐसा ही होता है पापा का प्यार, जो होता है चप्पल की मार जब एक कपल खरीदता है Car, तो माहौल क्या होता है देखिये