सोने पर भी पड़ी कोरोना की मार, 11 साल के निचले स्तर पर पहुंची गोल्ड की डिमांड

नई दिल्ली: इस वर्ष जनवरी से मार्च की तिमाही में भारत में सोने की मांग में 36 फीसदी की भारी गिरावट आई है. इस दौरान ज्वैलरी और सोने में निवेश, दोनों की डिमांड में गिरावट देखी गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी, आर्थिक अनिश्चितताओं और कोरोना के चलते देश भर में लागू लॉकडाउन के कारण जनवरी-मार्च की तिमाही में सोने की डिमांड घटकर 102 टन रह गई है.

जानकारों का कहना है कि जून तिमाही में स्थिति इससे भी बुरी हो सकती है. वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंसिल (WGC) की पहली तिमाही के गोल्‍ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से मार्च के दौरान ज्वैलरी की मांग में 41 फीसदी की भारी गिरावट आई है. यह 11 वर्ष के निचले स्तर 73.9 टन पर पहुंच गई है. इस दौरान निवेश के लिए सोने की डिमांड 17 फीसदी लुढ़ककर 28.1 टन तक रही. इस तरह मार्च तिमाही के दौरान कुल सोने की मांग केवल 102 टन रही, जबकि गत वर्ष की समान अवधि में यह 159 टन थी. इस दौरान वैश्विक गोल्ड डिमांड महज 1 फीसदी की बढ़त के साथ 1,083.8 टन रही है.

मूल्‍य के हिसाब से पहली तिमाही के दौरान भारत में सोने की डिमांड 20 फीसदी घटकर 37,580 करोड़ रुपये की रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 47,000 करोड़ रुपये की थी.

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