हर दिन कोरोना का कहर इतना बढ़ता जा रहा है कि इंसान के साथ जानवरों पर भी इस बिमारी का असर देखने को मिल रहा है. वहीं पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोनो वायरस की दस्तक के बीच कुमाऊं के सबसे बड़े पूर्णागिरी मेले पर भी इस वायरस का साया पड़ने की आशंका देखते हुए जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है. जंहा महाकाली नदी की भारत-नेपाल खुली सीमा पर अवैध रूप से आने-जाने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था नहीं होना भी परेशानी का सबब है. मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि मेला अवधि के दौरान यूपी, नेपाल के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 20 से 25 लाख श्रद्धालु आते हैं. जंहा इस बात को ध्यान में रखते हुए मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या देखते हुए कोरोना जांच के लिए कैंप तैयार करना और डॉक्टरों की तैनाती करना बड़ी चुनौती होगा. हालांकि सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी का कहना है कि पूर्णागिरी मेले में अधिक डॉक्टरों की तैनाती के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजा गया है. मेला क्षेत्र में दो चिकित्सा कैंपों के साथ पांच की जगह 20 स्टाफ तैनात करने, ठुलीगाड़ में 24 घंटे एक अतिरिक्त एंबुलेंस की व्यवस्था के साथ एक मोबाइल चिकित्सा वैन चलाने, लोगों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखेगी. जिम्मा, कोरोना की रोकथाम, सुविधा कुछ नहीं: जंहा यह भी कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग ने भारत-नेपाल सीमा पर स्थित SSB चेकपोस्ट समेत कई स्थानों पर जांच केंद्र खोले हैं लेकिन इन केंद्रों में तैनात चिकित्सा स्टाफ के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इस कारण शुक्रवार को हुई बारिश के मौसम में चिकित्सा टीम को छतरी के सहारे खड़े रहकर स्वास्थ्य परीक्षण करना पड़ा. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 10वीं- 12वीं की परीक्षाएं हुई रद्द मध्य प्रदेश की सियासत में चल रहा बड़ा गेम, सिंधिया ही डूबा रहे कमलनाथ की नैया ! उत्तर प्रदेश सरकार छात्राओं को दे रही है 15 हजार रूपए की छात्रवृत्ति, इस तरह करे आवेदन