रोम: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 280000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. वहीं रूस में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है. शनिवार को लगातार सातवें दिन 24 घंटे में 10,000 से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं. मिली जानकारी के अनुसार इस महामारी से सहमे रूस में विजय दिवस का जश्न फीका रहा. द्वितीय विश्व युद्ध में नाजियों पर जीत का जश्न औपचारिकता ही रहा. ऐसा पहली बार हुआ है. रूस हर वर्ष इस मौके पर पूरे देश में जश्न मनाता रहा है. इस बीच देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2 लाख के करीब पहुंच गई है. हालांकि, राहत की बात है कि 1,827 लोगों की ही जान गई है, जो कि अन्य देशों के मुकाबले बेहद कम है. रूस में विजय दिवस पर हर साल की तरह राष्ट्रीय अवकाश रहा और क्रेमलिन (रूसी संसद) के बाहर सैनिकों की कब्र पर फूल चढ़ाए गए. साथ ही जीत की इस 75वीं वर्षगांठ पर एक औपचारिक समारोह में युद्ध के दौरान सोवियत सेना के साहस और कुर्बानियों के सम्मान में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक छोटा भाषण भी दिया. लेकिन पूूरा समारोह फीका रहा. यही नहीं लाल चौक (रेड स्क्वायर) पर होने वाली भव्य परेड व लोगों के जुलूस का आयोजन रद्द कर दिया गया. पुतिन ने कहा, यह समारोह मनाना काफी जोखिम भरा है. पाक के बद से बदतर हुए हाल, मरने वालों की संख्या 1800 के पार नाबालिग को अगवा कर जबरन कबूल करवाया इस्लाम, फिर अपहरणकर्ता से ही करा दिया निकाह हिज्बुल के आतंकी सलाहुद्दीन ने पाक को चेताया, कहा- मजबूत स्थिति में है हिन्दुस्तान