नई दिल्ली: एक नए रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित जो वयस्क या बच्चे कभी कुपोषण (Malnutrition) का शिकार रह चुके हैं, उनमें मृत्यु की आशंका या उपचार के दौकान मेकेनिकल वेंटिलेशन (Mechanical Ventilation) की जरुरत बढ़ सकती है. दरअसल यह रिसर्च ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, कुपोषण इम्यून सिस्कम के फंक्शन को रोकता है और वायरस से संक्रमित मरीज के शरीर में खतरे के बढ़ाने का काम करता है. दरअसल यह रिसर्च मार्च और जून 2020 के बीच अमेरिका में कोरोना संक्रमण का उपचार कराने अस्पताल पहुंचे 8,604 बच्चों और 94,495 वयस्कों (18 वर्ष से ज्यादा) के मेडिकल रिकॉर्ड का इस्तेमाल करते हुए किया गया है. इस रिसर्च के तहत लुई एवेरहेम्यूफा और उनके सहयोगी ये पता लगाना चाहते थे कि कुपोषण के शिकार लोगों के रिकवरी में स्वस्थ्य शरीर के मुकाबले कोई परिवर्तन नजर आता है या नहीं. कोरोना का उपचार करवा रहे 520 गंभीर मरीज यानी 6 फीसद बच्चों में से 39 यानी 7.5 फीसद बच्चे पहले से ही कुपोषण का शिकार रह चुके थे, जबकि हल्के कोरोना लक्षण वाले 7,959 (98.45 फीसद) बच्चों में 125 (1.5 फीसद) बच्चे कुपोषण के शिकार थे. वहीं गंभीर कोरोना संक्रमण वाले 11,423 वयस्कों में, 453 (4 फीसद) कुपोषित रह चुके थे, जबकि सामान्य कोरोना लक्षण वाले 81,515 (98.13 फीसद) वयस्कों की तुलना में 1,557 यानी 1.8 फीसद कुपोषित रह चुके थे. रिसर्च में पाया गया कि, जिन मरीजों में कुपोषण का इतिहास था, उन्हें ठीक होने में अधिक समय लग रहा था, जबकि सामान्य मरीज जल्द रिकवर कर रहे थे. मलेशियाई संसद वायरस के लंबे अंतराल के बाद होगी शुरू रिलायंस को वित्तीय वर्ष 23 की तीसरी तिमाही से एमजे क्षेत्र से है कई उम्मीद 30 जुलाई को पीएम मोदी का होने वाला सिद्धार्थनगर दौरा टला