दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाले देशों में भारत का नाम आता है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते दूसरे देश की तुलना में भारत में कम मौतें हो रही हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 4 मई तक मृत्यु दर करीब 3.23% रही. क्या यह सख्त लॉकडाउन के कारण है? या हम आंकड़ों को सही ढंग से समझ नहीं पा रहे. जानकारी के लिए बता दें कि 42,000 से ज्यादा कन्फर्म मामलों में से, भारत में 4 मई तक 1,373 या करीब 3.23% लोगों की जान गई है. अमेरिका, ब्रिटेन, इटली और स्पेन जैसे विकसित देश, जो भारत के मुकाबले अधिक टेस्टिंग कर रहे हैं, वहां कोविड-19 के मामलों में मृत्यु दर बहुत अधिक है. जानिए कैसे निकाली जाती है मृत्यु दर कोरोना संक्रमण को समझने के लिए मृत्यु दर को समझना होगा. बता दें कि मृत्यु दर मौतों की संख्या को कन्फर्म मामलों की संख्या से विभाजित करके निकाली जाती है, इसलिए भले ही कन्फर्म मामलों में कोई बढ़ोतरी न हो, लेकिन अगर मौतें बढ़ती हैं, तो मृत्यु दर अधिक होगी. वही, अगर बात करें कोरोना टेस्टिंग की तो कुछ देश वास्तव में बहुत बेहतर कर रहे हैं. हालांकि, भारत में टेस्टिंग की सबसे कम संख्या है. Statista के डेटा से पता चलता है कि 1 मई तक अमेरिका की टेस्ट रेट 19,311 प्रति मिलियन आबादी, यूके (13, 286), इटली (32, 735), स्पेन (31, 126) और भारत (654) थी. कोरोना से ज्यादा तो सड़क हादसे में मर रहे लोग, हैरान कर देंगे यूपी के ये आंकड़े मजदूरों के लिए 1000 बस चलाने की अनुमति दें , प्रियंका ने सीएम योगी को लिखा पत्र मध्यप्रदेश : राज्य में तबाही मचा रहा कोरोना, 4658 के ऊपर पहुंचा संक्रमण का आंकड़