पुरे विश्व में COVID-19 की वैक्सीन तथा दवा तैयार करने के लिए रफ़्तार से काम चल रहा है। कई विशेषज्ञ ने आशा व्यक्त की है कि अगले ढाई माह के अंदर वैक्सीन तैयार हो सकती है। किन्तु इसी दौरान COVID-19 की वैक्सीन तथा दवा को लेकर सेफ्टी के प्रश्न भी उठ रहे हैं। सुरक्षा वजहों से ही 24 घंटे के अंदर एक वैक्सीन तथा एक एंटीबॉडी ड्रग के ट्रायल को रोकना पड़ा है। इसके कारण अंतिम परिणाम आने में अथवा दवा को अनुमति प्राप्त होने में देरी हो सकती है। पहले अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की COVID-19 वैक्सीन के ट्रायल को सुरक्षा वजहों से रोकना पड़ा। तत्पश्चात, अमेरिकी की Eli Lilly कंपनी के COVID-19 एंटीबॉडी दवा के ट्रायल को भी रोकना पड़ा। एली लिली कंपनी दो एंटीबॉडी दवा विकसित कर रही है। एक का नाम LY-CoV555 है तथा दूसरे का LY-CoV016। LY-CoV555 के इमरजेंसी यूज की अनुमति के लिए कंपनी ने FDA को अप्लाई भी किया है। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से किस एंटीबॉडी दवा का ट्रायल रोका गया है। वही एली लिली कंपनी ने एंटीबॉडी ड्रग के ट्रायल को 'संभावित सिक्योरिटी कारणों' से रोका है। स्वतंत्र सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड ने ट्रायल रोकने की गुजारिश की थी। हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वैक्सीन लगाने वाले कितने वॉलेंटियर में हेल्थ परेशानियां देखने को मिली हैं। किन्तु यह सुचना मिली है कि अस्पताल में भर्ती किए गए COVID-19 रोगियों पर एली लिली की एंटीबॉडी दवा का ट्रायल किया जा रहा था। जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी COVID-19 वैक्सीन के ट्रायल को रोकने का निर्णय तब किया जब एक वॉलेंटियर में एक रोग की सुचना मिली। अब तक इस बीमारी की वजहों को समझा नहीं जा सका है। त्योहार विशेष: भारतीय रेलवे ने दिया यात्रियों को एक बड़ा उपहार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया 50,000 करोड़ की सात परियोजनाओं का उद्घाटन चेन्नई: धोनी के इस भावुक प्रशंसक ने किया ये हैरान कर देने वाला काम