यहाँ जानिए कोरोना वैक्सीन से जुड़े हर एक सवाल का जवाब

कोरोना संक्रमण इस समय तेजी से फ़ैल रहा है और इसकी रोकथाम के लिए कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। जैसाकि आप सभी जानते ही हैं कि इस समय भारत में दो वैक्सीन को मंजूरी मिली है और उनके नाम हैं कोविशील्ड और कोवैक्सीन। ऐसे में इस समय आम लोगों को वैक्सीन लगना शुरू हो चुकी है और यह वैक्सीन 45 से ऊपर की उम्र के लोगों को लगाई जा रही है।

45 की उम्र से ऊपर के लोगों को वैक्सीन के दो डोज जरुरी बताए जा रहे हैं। पहला डोज लेने के बाद दूसरा डोज 28 दिन बाद दिया जा रहा है। एक तरफ लोग तेजी से वैक्सीन की तरफ बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मन में कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं। इन सवालों की सूची बड़ी लंबी है और आज हम उन्ही के जवाब देने जा रहे हैं। आज हम आपको कोरोना वैक्सीन से जुड़े, उसके डोज से जुड़े, उसके डोज को लेने के बाद क्या करें क्या नहीं, इन सभी के जवाब लेकर आए हैं। आइए बताते हैं।

कोरोना वैक्सीन कितनी प्रभावी है- पहले तो हम आपको बता दें कि वैक्सीन का तीन चरण का क्लिनिकल ट्रायल हुआ है और उसके बाद ही भारत बायोटेक ने यह दावा किया है कि उनके द्वारा बनाया गया टीका, यानी कोवैक्सिन कोरोना संक्रमित शरीरों पर 81 प्रतिशत प्रभावकारी है। वैसे वैक्सीन कितना प्रभावी है यह क्लिनिकल ट्रायल से नहीं पता चलता है बल्कि यह लोगों को वैक्सीन लगाए जाने पर निर्भर करता है। वहीं बात करें कोविशील्ड के बारे में तो परीक्षण के बाद यह 62 फीसद प्रभावशाली थी। वहीं बाद में इसकी प्रभावशीलता 90 फीसद हुई। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला का कहना है कि अगर दोनों खुराक के बीच कुछ वक्त लिया जाए तो यह 90 से 95 फीसद तक प्रभावी है।

Covaxin vs Covishield में से कौन सी कोरोना वैक्सीन ज्यादा कारगर है - अगर हम वैज्ञानिकों की माने तो उनका कहना है कि दोनों ही वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम है। दोनों ही प्रभावी है और दोनों ही सुरक्षित भी है। अगर बात करें ट्रायल से मिले नतीजों के बारे में तो उनके आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन 70 से 90 फीसदी तक प्रभावी है। वहीं अगर कोवैक्सीन के बारे में बात करें, तो यह वैक्सीन तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजों में 81 फीसदी प्रभावी पाई गई है। हालाँकि दोनों ही वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित कहा गया है और तब जाकर ही दोनों को भारत में लगाने के लिए मंजूरी मिल पाई है।

क्या हैं कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट - कोरोना वैक्सीनेशन का काम इस समय बहुत तेजी से हो रहा है लेकिन वैक्सीन लगवाने से पहले हमे यह जान लेना चाहिए कि आखिर इसके खतरनाक पहलु क्या है। कोरोना वैक्सीन लगने के बाद कई लोगों में साइड इफेक्ट देखे गए हैं, जैसे- कंपकंपी महसूस होना, थकान, मितली, उल्टी, बुखार, सूजन और दर्द आदि। वहीं कई ऐसे भी लोग हैं जिन्हे कोविड का टीका लगा तो उनके बांह पर कई दिनों बाद तक दर्द और सूजन रही है। इसके अलावा कुछ लोगों को टीकाकरण के बाद भी बुखार भी आया। वहीं अगर बात करें 60 साल की उम्र से ऊपर के लोगों के बारे में तो उन्होंने टीका लगने के बाद कमजोरी और थकान की शिकायत की, इसके अलावा कई लोगों को टीका लगने वाले स्थान पर खुजली, लालिमा और गहरी सूजन रही है।

कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद दवा ले सकते हैं या नहीं- कई लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद यह सवाल लिए हुए हैं कि दवाई खाई जा सकती है या नहीं। बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हे कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां हैं। ऐसे में इन लोगों की दवाइयां चलती हैं जो कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी ली जा सकती है। जी हाँ, डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आपने कोरोना वैक्सीन ले ली है तो आप अपनी नियमित दवाओं को बिलकुल भी बंद ना करें बल्कि उन्हें नियमित लेते रहे।

क्या कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी जरुरी है टीका लगवाना- कई लोग ऐसे हैं जो कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं और उससे ठीक होकर दोबारा अपना नियमित जीवन जी रहे हैं। ऐसे में उन लोगों के मन में सवाल है कि क्या उन्हें कोरोना वैक्सीन की जरूरत है? तो इस सवाल का जवाब है 'हाँ'। जो लोगो कोरोना संक्रमण का एक बार शिकार हो चुके हैं उन्हें भी वैक्सीन लगवानी चाहिए क्योंकि इससे उनके लिए खतरा कम होगा।

क्या 45 साल से कम उम्र के लोगों के लिए लाभदायक है कोरोना वैक्सीन- इस समय सरकार का कहना है कि कोरोना वैक्सीन केवल उन्ही लोगों को दी जाए जिनकी उम्र 45 साल से अधिक हो। लेकिन फिर भी कई ऐसे लोग हैं जो 45 से कम उम्र वाले हैं और कोरोना वैक्सीन लगवा रहे हैं। ऐसे लोग अधिक मूल्य चुकाकर वैक्सीन लगवा रहे हैं ताकि कोरोना संक्रमण से बच सके। ऐसे में उनके लिए यह जान लेना आवश्यक है कि वैक्सीन उनके लिए है भी या नहीं? जी दरअसल वैक्सीन 45 से कम उम्र के लोगों के लिए भी कारगर है लेकिन वह मास्क के जरिये भी खुद को बचा सकते हैं। अगर हम कोरोना संक्रमण से मरने वाले आंकड़े के बारे में बात करें तो इसमें 45 से अधिक उम्र वाले लोग अधिक रहे हैं। 45 से अधिक उम्र के लोगों में कई प्रकार की बीमारियां भी देखने को मिलती है और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर पाई जाती है। इस वजह से अभी उनके लिए वैक्सीन जरुरी है। वहीं अगर युवाओं के बारे में बात करें यानी 45 से कम उम्र के लोगों के बारे में तो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी हद तक मजबूत है और वह उसे मजबूत रखने के लिए बहुत सी चीजें कर सकते हैं जैसे- योग, अच्छा खान-पान, वर्कआउट आदि।

कोरोना वैक्सीन किनके लिए है खतरनाक- कोरोना वैक्सीन वैसे तो सभी के लिए प्रभावी है लेकिन हाँ इसे गर्भवती महिलाओं और बच्‍चों को नहीं दिया जा सकता। इन दोनों में से कोई भी कोरोना की वैक्‍सीन नहीं ले सकता है।

कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद क्या खाए- कोरोना वैक्सीन लगावाने के बाद कई लोगों के मन में यह सवाल है कि अब क्या खा सकते हैं और क्या नहीं? तो हम आपको बता दें कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद शुगर ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड फूड, एनर्जी ड्रिंक्स, फास्ट फूड या एल्कोहॉलिक पदार्थों से दूर रहे। शराब का सेवन बिलकुल भी ना करें क्योंकि यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है और इसी के चलते वैक्सीन का असर नहीं होगा। अब बात करें कि क्या खाना चाहिए तो आपको कोरोना वैक्सीन लेने के बाद ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए, जैसे- नींबू, आंवला, संतरा, मौसंबी, आम, अंगूर जैसे फल, अंकुरित अनाज (जैसे मूंग, मोठ, चना आदि) तथा भीगी हुई दाल आदि। ध्यान रहे पानी भी खूब पिए।

क्या वैक्सीन लगवाने के बाद नहीं होगा कोरोना संक्रमण- अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो हम आपको बता दें कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। अगर आपने कोरोना वैक्सीन लगवा ली है और उसके बाद आप बिना मास्क और सेनेटाइजर के घूम रहे हैं, यानी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं तो आप तुरंत ही कोरोना की गिरफ्त में आ जाएंगे। अब अगर बात करें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला की तो उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा था- 'मैं इसे इसलिए कोविड शील्ड कहता हूं क्योंकि ये एक तरह की शील्ड है जो आपको बीमारी होने से तो नहीं बचाएगा, लेकिन इसकी वजह से आप मरने नहीं वाले हैं। ये आपको गंभीर बीमारी से बचाती है और 95% केसेस में यहां तक कि एक डोज लेने के बाद भी आपको हॉस्पिटल जाने से बचाएगी। जैसे बुलेट प्रूफ जैकेट में होता है, जब आपको गोली लगती है तो आप बुलेट प्रूफ जैकेट की वजह से आप मरते नहीं है लेकिन आपको थोड़ा बहुत डैमेज होता है।'

इन सवालों के अलावा भी अगर आपके पास कोरोना वैक्सीन से जुड़ा कोई सवाल है तो आप हमे बताएं हम आपके उन सवालों के जवाब देंगे।

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