नई दिल्ली: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के चलते अमेरिका स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर के CEO अल्बर्ट बोरला (Albert Bourla) सवालों से ऐसे घिरे कि उन्हें जवाब देने की जगह धन्यवाद बोलना पड़ा। बैठक के चलते लोगों ने कोरोना वैक्सीन के प्रभावी होने को लेकर कुछ सवाल किया, तत्पश्चात, वह जवाब देने से बचते दिखाई दिए। सवालों को निरंतर अनदेखा करने के कारण लोग कह रहे हैं कि कोविड वैक्सीन फर्जी निकली है। हालांकि यह सच्चाई नहीं है। वही एक पत्रकार ने फाइजर के CEO से कई सवाल पूछे। पत्रकार ने प्रश्न किया कि क्यों वैक्सीन निर्माता ने इस तथ्य को छिपाया कि इसके लगने के बाद भी कोरोना संक्रमण का फैलाव नहीं रुकता है। फाइजर प्रमुख ने बार-बार इन सवालों को टाल दिया। उन्होंने थैंक्यू और हैव अ नाइस डे बोलकर किनारा कर लिया। वीडियो में पत्रकार यह बोलता दिखाई दे रहा है, फाइजर की तरफ दावा किया गया था कि यह 100 फीसदी असरदायी था। फिर 90 फीसदी, फिर 80 फीसदी, फिर 70 फीसदी, किन्तु अब हम जानते हैं कि वैक्सीन से कोरोना संक्रमण का फैलाव नहीं रुकता है। आप इसे रहस्य क्यों रखते हैं। पत्रकार ने फाइजर प्रमुख का निरंतर पीछा किया। वह कोई जवाब नहीं दे रहे थे। पत्रकार ने यह भी कहा कि यह समय दुनिया से माफी मांगने एवं उन देशों को रिफंड देने का है, जिन्हें पैसे खर्च करने पर भी प्रभावी टीके नहीं मिले। अल्बर्ट बोरला की चुप्पी को लेकर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग दावा कर रहे हैं कि कोरोना वैक्सीन फर्जी है। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर लोग फाइजर को घेर रहे हैं। सही तथ्य यह है कि कोई भी वैक्सीन, कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने में सक्षम नहीं है। वैक्सीन से शरीर को सिर्फ बेहतर प्रतिरक्षा मिल सकती है, जो बीमारियों से लड़ने में शरीर की सहायता करती है। खुद को NSG का जवान बताकर पीएम मोदी के सभास्थल में घुसा शख्स, हथियार के साथ 2 गिरफ्तार राहुल गांधी की यात्रा के बीच नरवाल में दो बड़े ब्लास्ट, कई लोगों के चपेट में आने की आशंका 'मस्जिद में लाउडस्पीकर बजे तो ठीक, लेकिन सरस्वती पूजा पर DJ बजा तो होगी FIR', यहाँ कलेक्टर के फैसले पर भड़के छात्र