कोरोना : स्वास्थ्य कर्मी पर हमला करने वालों में से चार आरोपी पर लागू हुआ NSA कानून

इंदौर:  देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए सरकार ने कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी दी है कि वह इस इलाके में जाएं जहां कोरोना वायरस का पॉजिटिव मामला सामने आया हो. उसके आसपास के इलाकों में सभी की जानकारी इकट्ठा की जाए. ताकी कोरोना वायरस की चेन को तोड़ा जा सके और इससे आगे बढ़ने से रोका जा सके. हालांकि, कार्यकर्ताओं के साथ कई जगहों पर बदसलूकी भी की जा रही है. हाल ही में ऐसा ही एक मामला इंदौर में सामने आया था. शुक्रवार को जिला प्रशासन ने चार लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है.   

इस बारें में एक अधिकारी ने कहा कि यह मध्यप्रदेश में COVID-19 महामारी से संबंधित पहली कार्रवाई है. स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय टीम बुधवार को तातापट्टी बाखल में एक रिश्तेदार और एक सीओवीआईडी -19 रोगी के परिचितों को क्वॉरेंटाइन करने के लिए गए हुए थे. जब एक अनियंत्रित भीड़ ने उन पर पत्थरों से हमला कर दिया, इसमें दो महिला चिकित्सक घायल हो गईं. अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने गुरुवार को कथित हमले के लिए सात लोगों को गिरफ्तार किया था और जिला प्रशासन ने चार लोगों को खिलाफ एनएसए  लागू कर दिया है. शुक्रवार को इंदौर पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में छह और लोगों को हिरासत में लिया.

जानकारी के लिए बता दें की थाना प्रभारी करण सिंह शक्तावत ने कहा है कि इंदौर के छत्रीपुरा पुलिस ने घटना में उनकी संलिप्तता के बारे में छह और लोगों से पूछताछ की जा रही है. इस बीच, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा (इंदौर), राजेश दंडोतिया ने कहा कि सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के बारे में एक अफवाह और भड़काऊ संदेश फैलाने के लिए आईपीसी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत चार लोगों पर मामला दर्ज किया गया.

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