दूनिया भर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉक डाउन की स्थिति बन चुकी है ये वायरस संक्रमण फैलता है जो मानव शरीर में कई दिनों तक जिन्दा रह सकता है लेकिन हम सब भी इसका मिलकर मुकाबला कर रहे हैं और यकीकन जल्द ही इस पर काबू भी पा लेगें. इस दौरान हमें घबराने की जरूरत नहीं है और ना ही अफवाहों पर ध्यान देने की जरूर है. जरूरत है तो सावधानी बरतने की और अपना ख्याल रखने की. इसलिए पूरे देश को लौकडाउन कर दिया गया है. कोरोना वायरस को हराने के लिए आज पूरा देश एक साथ है. समय-समय पर WHO इससे जुड़ी जानकारी हमारे सामने ला रहे हैं. इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि यह वायरस शरीर में जाने के बाद किस तरह बौडी को नुकसान पहुंचाता है. इस वायरस से संक्रमण होने पर ३ दिनों तक कोई लक्षण नहीं दिखाई देते ही ाउसके बाद हलके लक्षण दिखना शुरू होते है लेकिन धीरे-धीरे यह अपना भयानक रूप ले लेता है. जब कोविड-19 बॉडी पर अटैक करता है तो इसके शुरुआती समय को इन्क्यूबेशन पीरियड कहा जाता है. इन्क्यूबेशन पीरियड इंफेक्शन और लक्षण दिखने के बीच का वक़्त होता है. शरीर के अंदर जाने के बाद ये वायरस सबसे पहले इंसान के गले की आसपास की कोशिकाओं पर हमला करता है. इसके बाद सांस की नली और फेफड़ों पर हमला करता है. इस स्टेज में आने के बाद ज्यादातर पेशेंट्स को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. इस वायरस सीधा असर किडनी पर पड़ सकता है. बता दें कि किडनी खून साफ करने का काम करती है, लेकिन गंभीर स्थिति में आने के बाद किडनी सही तरीके से काम करना बंद कर देती है. साथ ही इससे शरीर में मौजूद आंतड़ियों पर भी बुरा असर पड़ने लगता है. इस वायरस के कारण शरीर की सूजन इतनी बढ़ जाती है शरीर के कई ऑर्गन फेल हो जाते हैं जिससे इंसान की मौत भी हो सकती है. इसलिए भलाई इसी में है कि इस वायरस को शरीर के अंदर घुसने ही न दिया जाए, सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें. कोरोना से ठीक होने के बाद सिंगर पिंक ने किया चौकाने वाला खुलासा बिगड़ती जा रही है कनिका की तबियत, दवा भी हो रही है बेअसर! WHO के विशेष दूत ने की भारत सरकार की तारीफ, कहा- लॉकडाउन साहसिक फैसला