जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका कोरोना वायरस संक्रमण के एक और दौर से गुजर रहा है। देश का आर्थिक केंद्र गौतेंग प्रांत, जहां 25 प्रतिशत आबादी रहती है, इस संक्रमण का केंद्र है। किन्तु अन्य प्रमुख प्रांतों में भी संक्रमण दर बढ़ने की आशंका है। स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव कम करने और संचरण की दर को काबू करने के लिए, राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने हाल ही में कड़े लॉकडाउन प्रतिबंधों का ऐलान किया था। शब्बीर माधी साउथ अफ्रीकन मेडिकल रिसर्च काउंसिल वैक्सीन्स एंड इंफेक्शियस डिजीज एनालिटिक्स रिसर्च यूनिट के डायरेक्टर और विटवाटरसैंड यूनिवर्सिटी में अफ्रीकन लीडरशिप इनिशिएटिव फॉर वैक्सीनोलॉजी विशेषज्ञता के सह-संस्थापक और सह-निदेशक हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की स्थिति पर कुछ प्रकाश डालने के लिए द कन्वरसेशन अफ्रीका के साथ चर्चा की। बीमारी के कहर के सीमित रिसर्च के आधार पर, ऐसा प्रतीत होता है कि वायरस का डेल्टा संस्करण बीमारी के इस ताजा संक्रमण के लिए जिम्मेदार है। नवीनतम रिसर्च के मुताबिक, यह पिछले वेरिएंट की तुलना में बहुत ज्यादा संक्रामक और संभवतः अधिक विषाणुजनित भी है। दक्षिण अफ्रीका में कोविड की ताजा लहर का कहर प्रांत के मुताबिक, और यहां तक कि एक विशेष प्रांत के भीतर भी अलग है। देश का आर्थिक केंद्र और नौ प्रांतों में से एक गौतेंग आज जो अनुभव कर रहा है वह पश्चिमी केप, पूर्वी केप और क्वाज़ुलु नटाल प्रांतों में संभवत: दो से तीन हफ्ते के बाद नज़र आएगा। बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उच्च न्यायालय को सौंपी रिपोर्ट AIADMK की पूर्व नेता वीके शशिकला के खिलाफ FIR दर्ज, पूर्व मंत्री ने लगाए संगीन आरोप मालदीव ने भारतीय यात्रियों के लिए बॉर्डर से हटाए प्रतिबंध