लॉकडाउन 4 के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद (आइसीएमआर) कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के इस्तेमाल पर अपने सिफारिश को संशोधित करने विचार कर रही है. इस दवा के प्रभाव को लेकर कुछ सवाल उठे हैं. आइसीएमआर में महामारी और संचारी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर ने बुधवार को कहा कि इस संबंध में सभी प्रमाण एकत्र किए जा रहे हैं और उनकी समीक्षा के बाद इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा. कोरोना जांच करने में तीन हिमालयी राज्यों से पीछे है उत्तराखंड आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आइसीएमआर ने इस दवा के प्रभाव का आकलन करने का काम भी शुरू किया है. इसके लिए पांच अस्पतालों को इस दवा के प्रभाव का कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर प्रभाव का पता लगाने के लिए लगाया गया है. राजीव गांधी की 'तीन' बड़ी गलतियां, जिनके 'दाग' आज तक नहीं धो पाई कांग्रेस इस मामले को लेकर आइसीएमआर के अधिकारियों के मुताबिक कोरोना वायरस के इलाज में इस दवा का बहुत कम प्रभाव सामने आया है. कोरोना वायरस को रोकने में इस दवा के कारगर होने के इतने सुबूत नहीं मिले हैं, इसके आम लोगों के इस्तेमाल की सिफारिश की जाए. याददाश्त कम होने की समस्या से मिल सकता है छूटकारा, वैज्ञानिकों ने खोज निकला तरीका लॉकडाउन-4 की निगरानी कर रहा गृह मंत्रालय, नियमों को लेकर जारी किए नए दिशा-निर्देश एक दिन में कोरोना के रिकार्ड मामले आए सामने, वायरस से जंग में पिछड़ रहे यह राज्य