चीन से निकलने के बाद कोरोनावायरस ने सारी दुनिया को अपना शिकार बना लिया है. इस वायरस को लेकर रॉयल ऑस्ट्रेलियन कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड रेस्परेटरी फिजिशियन के अध्यक्ष प्रोफेसर जॉन विल्सन ने कहा कि कोरोना का संक्रमण व्यक्ति के फेफड़ों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाता है. शरीर के अन्य अंगों पर इसके प्रतिकूल असर पर पेश है एक रिपोर्ट कोरोना से बचाव के लिए सीएम योगी ने जनता को बोली ये बात ऐसे होती है बीमारी की शुरूआत नया कोरोना वायरस 2019 के आखिर में अनजान कारणों से निमोनिया जैसी बीमारी से सामने आया. बाद में पता चला कि इस बीमारी का कारण सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस 2 या सार्स कोरोना वायरस-2 है. इसमें शुरुआत में हल्की सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण प्रकट होते हैं.डब्लूएचओ के मुताबिक, कोरोना संक्रमित करीब 80 फीसद लोग बिना किसी खास इलाज के ठीक हो जाते हैं. संक्रमित छह लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ता है और वह सांस लेने में तकलीफ होने की स्थिति तक पहुंचता है. क्या सीएम ममता बनर्जी राज्य में रोक पाएगी कोरोना वायरस का संक्रमण ? आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों को चार श्रेणियों में बांटा जा सकता है. पहली श्रेणी में वे लोग होते हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखता है. इसके आगे की श्रेणी में वे लोग हैं, जिनमें श्वसन नली के ऊपरी हिस्से में संक्रमण होता है. इस स्थिति में संक्रमित लोगों को बुखार, कफ, सिरदर्द या कंजक्टीवाइटिस (आंख संबंधी बीमारी) के लक्षण होते हैं. इन लक्षणों वाले लोग संक्रमण के वाहक होते हैं लेकिन संभवत: उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है. तीसरी श्रेणी में कोविड-19 पॉजिटिव लोग होते हैं, जिनमें निमोनिया जैसे लक्षण होते हैं और उन्हें अस्पताल में रहना होता है. चौथी श्रेणी के लोगों में निमोनिया जैसी बीमारी का गंभीर रूप दिखता है. भारत पर निर्भर करेगा 'कोरोना' का भविष्य, WHO का दावा लोकसभा में राष्ट्रीय रक्षा विवि विधेयक हुआ पेश, कांग्रेस ने किया इस बात का विरोध कोरोना: नहीं सुधर रहे शाहीनबाग़ के लोग, धरनास्थल पर फिर लगाई भीड़