कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है. इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए मंगलवार रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिनों का संपूर्ण लॉकडाउन करने का एलान कर दिया, इस कदम के बाद सोशल डिस्टेशिंग की अपील का अनुपालन न करने वालों के खिलाफ प्रशासन और सख्ती दिखाएगा, यही लॉकडाउन के बाद कर्फ्यू की स्थिति होगी, लॉकडाउन का शत-प्रतिशत पालन कराने के लिए शासन ने व्यस्थाएं चुस्त-दुरुस्त करते हुए कमर कस ली है. WHO का बयान, कहा- 'कोरोना से संक्रमण और मौत के नए मामलों में 85 फीसद' आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कर्फ्यू का आशय सीआरपीसी की धारा 144 को लागू कर लोगों को समूह में इकट्ठा होने से रोकने पर है, आईजी कानून-व्यवस्था ज्योति नारायण के अनुसार इसके तहत अमूमन पांच या उससे अधिक लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के आदेश किए जाते हैं, विशेष परिस्थितियों में दो से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक भी लगाई जा सकती है. जानिए अब तक कितने देशों को शिकार बना चुका है कोरोना वायरस इस मामले को लेकर एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धारा-144 लागू किए जाने के बाद शासन परिस्थितियों के अनुरूप लोगों को छूट देता है, लॉकडाउन में विशेष परिस्थिति में घर से निकलने की अनुमति होती है, आवश्यक वस्तुएं लेने के लिए भी लोग समय-समय पर घर से निकल पाते हैं, वहीं परिस्थितियों के अनुरूप शासन जब इन सुविधाओं में कटौती करता है और लोगों के घर से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जाती है तो उसे कर्फ्यू की श्रेणी माना जाता है. लॉकडाउन : अमित शाह ने जनता को दिलाया भरोसा, कहा-नहीं रहेगी आवश्यक वस्तु की कमी कोरोना के कारण जिंदगियां ही नहीं बल्कि नौकरी भी लगी दावं पर बढ़ रही कोरोना की मार से परेशान हुआ पकिस्तान