नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के ‘ओमीक्रॉन’ वेरिएंट के मामलों को बढ़ते हुए देखा जा रहा है। इन बढ़ते हुए मामलों को देखने के बाद खौफ और अधिक हो रहा है और इन सभी के बीच कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका जताई जा रही है। हाल ही में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने एक चौकाने वाला दावा किया है। उनका कहना है, 'देश में कोविड-19 की तीसरी लहर की शुरुआत जनवरी 2022 में हो सकती है।' हाल ही में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और दूसरे देशों के आंकड़ों पर स्टडी की और इसी स्टडी को करने के बाद उन्होंने कहा, 'ओमीक्रॉन डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले दोगुनी गति से फैलता है, इसलिए प्रतिबंध लगाकर केस की संख्या को कम किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमीक्रॉन को ‘चिंताजनक वेरिएंट’ की श्रेणी में रखा है।' वहीं आगे उन्होंने यह भी कहा, 'फरवरी तक इसके पीक पर जाने की संभावना है और इस दौरान संक्रमण के रोजाना मामले डेढ़ लाख तक जा सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन वेरिएंट कुछ महीने पहले ही आ चुका था, लेकिन यह धीरे-धीरे फैल रहा था।' आगे उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, 'इसके पीछे का कारण यह था कि वहां 80 फीसदी से ज्यादा लोगों में कोविड के खिलाफ नेचुरल इम्युनिटी तैयार हो चुकी है, यानी ये लोग पहले ही कोविड-19 से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं।” वहीं आगे उन्होंने ओमीक्रॉन वेरिएंट से दोबारा संक्रमण के खतरों को लेकर कहा, “अभी तक एक ही स्टडी आई है, जिसके मुताबिक पिछले तीन महीनों में दोबारा संक्रमण होने की दर 3 गुना बढ़ा है। हालांकि इसके आंकड़े भी बहुत कम हैं। दक्षिण अफ्रीका में संक्रमित होने वाले सिर्फ 1 फीसदी लोग ही दोबारा संक्रमित हुए। ओमीक्रॉन नेचुरल इम्युनिटी को ज्यादा बाइपास कर रहा है, लेकिन इसका ज्यादा बुरा असर भी नहीं रहा है।” दिल्ली में Omicron का खतरा बढ़ा! 15 संदिग्ध LNJP में भर्ती मैनपुरी के सैनिक स्कूल में फटा कोरोना बम, इतने बच्चे हुए संक्रमित 'ओमिक्रोन' के ये 3 लक्षण है कोरोना के बाकी वेरिएंट से बिल्कुल अलग, सबसे ज्यादा है खतरनाक