यदि एक जूट हो जाए इंसान तो जीत जाएगा कोरोना से जिंदगी की जंग

आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 69000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. 

जंहा इस बात को ध्यान में रहते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए वाराणसी शहर से लेकर गांवों व कस्बों में जैसे ही घड़ी की टिक-टिक ने रात के नौ बजे का इशारा किया, लाइटें बंद हो गईं और दीपों की रोशनी से हर घर रोशन नजर आया.

मिली जानकारी के अनुसार घरों से सभी जाति-धर्म के लोगों ने मिट्टी के दीये, मोमबत्ती जलाकर, आकाशदीप, शंखनाद, थाली बजाकर, हर-हर महादेव का उद्घोष किया. इलाके में काशी के लंका, ससिगरा, चौबेपुर, डुबकियां, उमरहां, कैथी, राजवारी, चंद्रावती, मुनारी आदि कई कस्बों में पर्व जैसा माहौल दिखा. सबसे बड़ी बात यह रही कि हिंदू, मुस्लिम सभी ने भारत मां की रक्षा के लिए एकता की मिसाल पेश की. 

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