पाकिस्तान पोलियो विरोधी अभियान के कम से कम 11,000 हेल्थ देखभाल कार्यकर्ता, जो महामारी कोरोना से लड़ने के लिए भी जुटाए गए थे, उन्होंने जून के पश्चात से पोलियो कार्यक्रम के पुनर्गठन और फंडिंग कटौती के कारण अपनी नौकरी खो दी है. 2 करोड़ के पार पहुंचा कोरोना का संक्रमण, जानें आंकड़ा बता दे कि अरब न्यूज़ ने देश के राष्ट्रीय आपातकाल संचालन केंद्र के समन्वयक राणा मुहम्मद सफ़दर का बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें में उन्होने कहा कि उन लोगों में सबसे ज्यादा महिलाएं हैं जो सिंध और खैबर पख्तूनख्वा के प्रांतों में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे. सफदर ने कहा कि इस साल अब तक पाकिस्तान ने 64 पोलियो वायरस के मामले दर्ज किए हैं, जिसमें खैबर पख्तूनख्वा से सबसे ज्यादा 22 नंबर दर्ज हुए हैं और उसके बाद सिंध (21) है. पोलियो कर्मचारियों को कम करने का फैसला बीते वर्ष के अंत में किया गया था. न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर रचने वाला है इतिहास इसके अलावा इस्लामाबाद में एक समीक्षा के दौरान, हेल्थ पर प्रधान मंत्री के पूर्व विशेष सहायक डॉ. ज़फ़र मिर्ज़ा ने हिस्सा लिया, यहां आयोजन के दृष्टिकोण और ऑन-ग्राउंड टीमों के कामकाज के तरीकों को बदलने का फैसला लिया गया.सफदर ने समझाया कि जल्दी स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों को पूरे महीने के लिए नियुक्त किया जाएगा और 25,000 रुपये तक का भुगतान किया जाएगा. रोजगार की प्रकृति अब बदल गई है. नए नियमों के तहत, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा के कुछ भाग में महिला स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को सिर्फ दस दिनों के लिए कार्य कर रखा जाता है, और पूरे माह के बजाय दैनिक राशि का भुगतान किया जाता है. अमेरिका में कोरोना की चपेट में आए, 97000 हजार से भी ज्यादा बच्चे इंडोनेशिया में ज्वालामुखी के फटने से छाया अँधेरा बैठक में मुख्यमंत्रियों से बोले पीएम मोदी- इस राज्यों में टेस्टिंग बढ़ाने की है जरूरत