कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। साल 2020 में इस वायरस ने आतंक मचा रखा है हालाँकि अब इसका प्रभाव थोड़ा-थोड़ा कम होता नजर आ रहा है। वैसे कई वैज्ञानिकों, ज्योतिषों का कहना है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति सबसे पहले साल 1930 और फिर साल 1940 में जानवरों में देखी गई थी। उसके बाद साल 1960 में एक व्यक्ति में कोरोना संक्रमण पाया गया जिसे सर्दी की शिकायत थी। वहीं इसका सबसे अधिक और विकराल रूप साल 2019 में देखा गया। यह विकराल रूप सबसे पहले चीन में देखा गया जो अब धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैल चुका है। वैसे अगर ज्योतिषीय गणना को माने तो कोरोना जनवरी के बाद तेजी से फैलना शुरू हुआ था। जी दरसल बीते साल दिसंबर के महीने में सूर्य ग्रहण था और ज्योतिषों ने पहले ही उस ग्रहण को नकारात्मक परिणाम देने वाला बताया गया था। उस दौरान यह कहा गया था कि उसी सूर्य ग्रहण के कारण यह महामारी उत्पन्न हुई। ऐसे में अब अगर हम ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहण से शुरू हुई यह महामारी ग्रहण से ही समाप्त होने वाली है। जी हाँ, कुछ ज्योतिषियों का कहना है आने वाले 14 दिसंबर को फिर से सूर्य ग्रहण है और इसी के साथ कोरोना खत्म हो जाएगा। जी हाँ, इस सूर्य ग्रहण के बाद ऐसे योग निर्मित होंगे, जिससे कोरोना का संक्रमण खत्म होना शुरू हो जाएगा और आने वाले सितंबर के महीने तक यह पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि कुछ ज्योतिषों का विचार है, हालाँकि ''NEWSTRACK'' इस बात की पुष्टि नहीं करता है। 8 हजार से अधिक पदों पर निकली भर्ती, आवेदन करने के बचे है कुछ ही दिन लोकल ट्रेनों की सेवाओं को फिर से शुरू करने की कोई तत्काल योजना नहीं: महाराष्ट्र सरकार उद्धव ठाकरे ने दी शरद पवार को जन्मदिन की बधाई