मेलबर्न: एकाएक बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर आज इस कदर बढ़ चुका है कि पूरी दुनिया के लिए आफत बन गया है. वहीं अब तक इस वायरस की चपेट में आने से 24 हजार लोगों की मौतें हो चुकी है. वहीं इस बीमारी के प्रकोप से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं अब भी पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही है. वैज्ञानिक इससे निपटने के लिए प्रयोगशालाओं में दिन-रात एक किए हुए हैं. लेकिन अभी तक यह भी नहीं पता चल पाया है कि आखिरकार यह महामारी फैली कैसे? क्या यह प्राकृतिक कारणों से उपजी है या मानव निर्मित है? इन सवालों के जवाब अभी तक तो भविष्य के गर्त में ही हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लेकिन अब शोधकर्ताओं ने ऐसी महामारी फैलने के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान करने के लिए एक नया उपकरण विकसित किया है, जो यह बता सकता है कि महामारी प्राकृतिक है या मानव निर्मित. शोधकर्ताओं का कहना है कि नए उपकरण के जरिए कोरोना जैसी महामारियों की उत्पत्ति की जांच करना आसान हो जाएगा. जहा यह भी कहा जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, आमतौर पर माना जाता है प्रत्येक प्रकोप मूल रूप से प्राकृतिक होता है. वहीं इस बात का पता चला है कि इसके जोखिमों की उत्पत्ति का आकलन करते समय अप्राकृतिक कारणों को शामिल नहीं किया जाता. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह हो सकता हमें भविष्य में किसी अन्य महामारी का करना पड़े. इसीलिए समय बदलने के साथ-साथ हमें किसी भी महामारी के फैलने पर इसके अप्राकृतिक कारणों पर भी गौर करना चाहिए ताकि भावी पीढि़यों को जान के जोखिम से बचाया जा सके. ईरान में फैला कोरोना का खौफ तो लोगों ने पी लिया मेथेनॉल कोरोना वायरस प्राकृतिक है या मानव निर्मित, जल्द हो सकता है खुलासा दुनिया के लिए काल बना कोरोना, इन देशों में पल पल में हो रही मौत