वाशिंगटन: एक तरफ बढ़ रहा कोरोना का कहर अब इतना बढ़ चुका है. कि हर तरफ केवल तवाही का मंज़र देखने को मिल रहा है. जंहा अब तक इस वायरस से मरने वालों कि संख्या 5000 से अधिक हो चुकी है. वहीं अभी भी लोगों में इस वायरस का खौफ फैला हुआ है. वहीं इस बीमारी से लड़ने के लिए अब भी डॉक्टर इलाज़ खोज रहे है. वहीं इस बीमारी से खुद और लोगों को बचाने के लिए महिलाओं ने एक नई प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए वैक्सीन के पहले मानव ट्रायल की शुरुआत अमेरिका के सिएटल में की गई है. अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अमेरिका के नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट (NHI) के एक बयान में कहा गया है कि इस ट्रायल को 18 से 55 वर्ष के 45 स्वस्थ वालंटियरों पर अंजाम दिया जाएगा. सोमवार को पहले प्रतिभागी को परीक्षण वाली वैक्सीन दी गई. वैक्सीन का परीक्षण पूरा होने में अभी कई महीनों का समय लगेगा. ड्रग ट्रायल का भी आगाज: पेरिस, फ्रांस की दिग्गज दवा कंपनी सनोफी और अमेरिका की रीजॅनरान ने कोविड-19 से संक्रमित मरीजों पर नई दवा के क्लीनिकल ट्रायल की शुरुआत कर दी है. इन कंपनियों ने बताया कि इम्यून सिस्टम से संबंधित दवा केवजारा के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं. रीजॅनरान अपने परीक्षण अमेरिका में करेगी, जबकि सनोफी की योजना इटली में टेस्ट करने की है. जंहा इस बात का पता चला है कि इटली कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल है. केवजारा एक एंटीबॉडी है, जो कुछ वायरसों की ताकत को नष्ट कर देती है और इस तरह इंसानों के इम्युन सिस्टम को प्रभावित होने से बचाती है. यह 2017 से विकास की प्रक्रिया में है. अध्ययन में करीब 400 मरीज शामिल होंगे. डोनाल्ड ट्रम्प को उम्मीद, जुलाई तक अमेरिका में ख़त्म हो जाएगा कोरोना वायरस इटली में कोरोना से मचा कोहराम, एक दिन में 349 लोगों की मौत तैयार हुआ 'कोरोना' का वैक्सीन, इस महिला को लगाया गया पहला टीका