कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को बहुत आघात पहुंचा है. वही, देशव्यापी लॉकडाउन के विकट समय में लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए गुरुवार को सरकार द्वारा कई बड़े ऐलान किये गए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को एक लाख 70 हजार करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने कर्मचारियों के लिए भी गुरुवार को महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) सब्सक्राइबर्स अब अपने पीएफ अकाउंट बैंलेंस का 75 फीसद या तीन महीने के वेतन के बराबर रकम में जो भी कम हो उसकी निकासी कर सकते हैं. यह निकासी नॉन-रिफंडेबल एडवांस के रूप में होगी. वित्त मंत्री की इस घोषणा से करीब 4.8 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा. लॉकडाउन के बीच LPG सिलिंडरों के लिए मची मारामारी, 200 फीसद बढ़ गई बुकिंग आपकी जानकारी के लिए बता दे कि विशेषज्ञों ने वित्त मंत्री की इस घोषणा का स्वागत किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस घोषणा से कर्मचारियों को लिक्विडिटी की समस्या का सामना करने में मदद मिलेगी. इससे पहले नॉन-रिफंडेबल एडवांस को घर खरीदने, शादी और बीमारी जैसी कुछ परिस्थितियों में ही निकाला जा सकता था. साथ ही इसके लिए कर्मचारी को न्यूनतम सेवा अवधि को भी पूरा करना होता था. वित्त मंत्री की इस घोषणा से कर्मचारी अपने पीएफ बैलेंस की 75 फीसद राशि या तीन महीने के वेतन में जो भी कम रकम हो उसकी निकासी कर सकेंगे. कोरोना और लॉकडाउन का असर, कौड़ियों के भाव बिकने लगेगा तेल इसके अलावा वित्त मंत्री ने एक और बड़ी घोषणा की है. वित्त मंत्री ने 100 से कम कर्मचारियों वाली छोटी कंपनियों के नियोक्ता और कर्मचारियों के पीएफ का हिस्सा तीन महीनों तक सरकार द्वारा वहन करने का ऐलान किया है. इसमें नियोक्ता के 12 फीसद और कर्मचारी के 12 फीसद अर्थात कुल 24 फीसद हिस्सा सरकार द्वारा ही वहन किया जाएगा. यह राहत उन कंपनियों के लिए है, जिसमें 100 से कम कर्मचारी हैं और उसके 90 फीसद से कम कर्मचारियों की सैलरी 1,5000 रुपये से कम हो. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस राहत पैकेज में 80 करोड़ गरीबों को मिली सहायता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस राहत पैकेज में 80 करोड़ गरीबों को मिली सहायता करियर हुआ ठप्प तो बहन के पति के साथ बिजनेस कर रही है यह एक्ट्रेस