बकोरोना संकट के बीच छत्‍तीसगढ़ में कोरेाना वायरस के लिए बने क्‍वारंटाइन सेंटर में अव्‍यवस्‍था का आलम है.. यहां मानसून आने के पूर्व ही नवतपा में बारिश होते ही बिल में छिपे विषैले जीव-जंतुओं का निकलना शुरू हो जाता है.. खास कर सरगुजा, बलरामपुर व सूरजपुर जिले में विषैले करैत सांप बिल से बाहर निकल आते हैं.. अंधेरा इस सांप को पसंद है, इस कारण बगैर किसी शोर व आवाज के घर में प्रवेश करता है और जमीन में सोए लोगों को एहसास भी नहीं होता और दंश मारकर चला जाता है.. तब्लीग़ी जमात पर कसा शिकंजा, नकद लेनदेन और विदेशी फंड की सीबीआई जांच शुरू आपकी जानकारी के लिए बता दे कि तीनों जिलों में हर साल मानसून के पहले और मानसून के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की जान चली जाती है.. इस बार कोरोना वायरस संक्रमण से शहर से लेकर गांव तक लोग जूझ रहे हैं.. बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को गांव-गांव में बने क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है.. अधिकांश सेंटरों में प्रवासी श्रमिकों के लिए जमीन में ही सोने की व्यवस्था की गई है.. उत्तराखंड में कोरोना का कहर, एक दिन में सामने आए 102 नए मामले इसके अलावा ऐसी स्थिति में नवतपे के बीच हुई बारिश से बड़ी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.. प्रशासन अभी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा और न ही गंभीरता बरत रहा है.. प्रवासी श्रमिकों का आना शुरू हुआ तो प्रदेश सरकार ने हर जिले में सभी ग्राम पंचायतों में क्वारंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दिए..लिहाजा प्रशासन ने पंचायतों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत भवन, छात्रावास, आश्रमों के साथ खाली पड़े शासकीय भवनों को क्वारंटाइन सेंटर बनवा दिया.. छात्रावास व आश्रमों में तो बेड की व्यवस्था है, किंतु आंगनबाड़ी केंद्रों व अन्य भवनों में बने क्वारंटाइन सेंटरों में चटाई बिछाकर टेंट हाउस से बिस्तर की व्यवस्था कर दी गई है और प्रवासी श्रमिक जमीन पर सोने को मजबूर हैं उद्धव 'राज' में जमीन पर मरीज, बिस्तर पर लाशें, मुंबई के बड़े अस्पताल की 'पोल' खोलता वीडियो वायरल Punjab Board Result 2020: पंजाब 8वीं-10वीं के परीक्षा परिणाम जारी, इस तरह करें चेक अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: बिचौलिए राजीव सक्सेना पर ED का शिकंजा, 300 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क