भारत की इस दवा के लिए 55 देश कतार में है खड़े

दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से भारतीय नागरिक फंसे हुए है. वही, दुबई में फंसे भारतीय नागरिकों की मदद के लिए भारत ने अपने हाथ बढ़ाए हैं. भारत में संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) के दूतावास ने बताया कि भारत ने संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाएं भेजने के लिए सहमति व्यक्त की है, जिसका उपयोग कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में किया जाएगा. गौरतलब है कि भारत ने पिछले महीने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विनके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था उसकी बिक्री भी रोक दी थी. भारत ने ऐसा सुरक्षित आपूर्ति के लिए बढ़ाया क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घातक वायरस के लिए संभावित प्रभावी उपचार के रूप में इस दवा को कारगर बताया है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हाल ही में भारत ने अमेरिका सहित कई अन्य देशों को कोरोना का संभावित इलाज मानी जा रही मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति की है. अमेरिका का खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) इस दवा का न्यूयॉर्क के 1500 से ज्यादा मरीजों पर टेस्ट कर रहा है. भारत द्वारा इसके निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला लिए जाने के बाद बीते कुछ दिनों में इस दवा की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है.

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अगर आपको नही पता तो बता दे कि फिलहाल भारत कोरोना वायरस से प्रभावित 55 देशों को सहायता और वाणिज्यिक आधार पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति करने की प्रक्रिया में है. भारत ने अभी तक अमेरिका, सेशेल्स और मॉरीशस को यह दवा भेजी है. इसके अलावा अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका और म्यामांर को ये दवा भेजी जा रही है.

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