उत्तराखंड सचिवालय में मंगलवार को कोरोना की दहशत के चलते बड़ी संख्या में कर्मचारी नहीं आए। अलबत्ता मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव व स्वास्थ्य सचिव सहित कई सचिवों ने सचिवालय में उपस्थिति दर्ज कराई। कर्मचारियों की कम आमद होने के कारण दूसरे दिन भी सचिवालय में सन्नाटा पसरा रहा। सचिवालय में कर्मचारियों की तय 33 प्रतिशत से बेहद कम उपस्थिति के चलते सचिवालय प्रशासन विभाग ने उपस्थिति का ब्योरा तलब किया है।सोमवार को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उत्तराखंड सचिवालय संघ की अपील पर सचिवालय पूरी तरह से खाली हो गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें की संघ के कर्मचारियों ने तीन दिन सेल्फ होम क्वारंटीन होने की अपील की थी। मुख्य सचिव व अधिकांश सचिव भी सचिवालय नहीं आए थे।मंगलवार को महाराज और कैबिनेट में शामिल मंत्रियों, अधिकारियों व अन्य स्टाफ के बारे में जिलाधिकारी की रिपोर्ट आने के बाद सचिवालय संघ ने सचिवालय कर्मियों से दोबारा अपील की कि वे अपने विवेक से सचिवालय आ सकते हैं। लेकिन बड़ी संख्या में अधिकारी व कर्मचारी सचिवालय नहीं आए। वहीं कोविड-19 महामारी की एसओपी के तहत सचिवालय में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए 33 प्रतिशत हाजिरी निर्धारित है। लेकिन कर्मचारियों की उपस्थिति इससे भी कम रही। उपस्थिति की होगी जांच, एसएडी ने रिपोर्ट मांगी सचिवालय प्रशासन विभाग उपस्थिति की जांच करेगा। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों व प्रभारी सचिवों को पत्र जारी कर उनके अधीनस्थ अनुभागों में तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति रिपोर्ट मांगी है। ये रिपोर्ट उन्हें हर दिन एसएडी को देनी होगी। उन्होंने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया के तहत सचिवालय में उपलब्ध कार्यक्षमता की 33 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी है। लेकिन अधिकतर विभागों में उपस्थिति काफी कम रही। सभी से अगले आदेशों तक 33 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया है। उत्तराखंड में मंगलवार को मिले 85 पॉजिटिव मरीज उत्तराखंड में बुधवार दोपहर तक सामने आए 23 नए मामले एंटी-माइक्रोबियल नैनो-कोटिंग सिस्टम से फेस मास्क व पीपीई किट बनाना आसान