कोरोना वायरस संक्रमण के बीच उत्तराखंड के करीब 280 लोग अभी भी देशभर में तब्लीगी जमात में इस्लाम के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। इसके साथ ही निजामुद्दीन मरकज का मामला गरमाने के बाद पुलिस और खुफिया तंत्र ने प्रदेशभर से जमात में गए लोगों का ये आंकड़ा जुटाया है। वहीं चिंताजनक बात ये है कि अभी तक यह पता नहीं लग सका है कि जमात में गए यह लोग फिलहाल देश के किन-किन राज्यों में हैं। वहीं निजामुद्दीन के अलावा जकार्ता में हुई जमात में भी उत्तराखंड के लोगों के शामिल होने का अंदेशा जताया जा रहा है। इसके साथ ही इन जमातियों का पता लगाकर उन्हें सोशल डिस्टेंस में रखना जरूरी है ताकि दूसरे लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके। इसके साथ ही निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में मौजूद लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद देशभर में अफरातफरी का माहौल है।हर राज्य की पुलिस और खुफिया तंत्र जमातियों के बारे में जानकारी जुटाने में लगा है। निजामुद्दीन मरकज में अब तक उत्तराखंड के 26 लोगों के मौजूद होने की बात सामने आ चुकी है। इसके साथ ही खुफिया तंत्र की जांच पड़ताल में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है कि प्रदेश के 280 लोग अभी जमात में बाहर गए हुए हैं।वहीं ये लोग देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी के बताए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या हरिद्वार के जमातियों की है। फिलहाल ये अभी साफ नहीं है कि लॉकडाउन के बीच ये जमाती किन राज्यों में हैं। असल में , निजामुद्दीन मरकज दुनियाभर के जमातियों का सेंटर है। वहां से ही जमात को देशभर में इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए भेजा जाता है। जमाती 40 दिन बाद वहीं वापसी दर्ज कराते हैं।उसके बाद वे अपने घरों को जा पाते हैं। ऐसे में निजामुद्दीन मरकज से संपर्क करने के बाद ही पता चल सकेगा कि जमाती इस समय कहां पर हैं। इसके अलावा 18 मार्च को जकार्ता में हुई जमात में भी उत्तराखंड के कुछ जमातियों के शिरकत करने की बात कही जा रही है।वहीं ऐसे में पुलिस के सामने इन तमाम जमातियों का पता लगाकर उन्हें सोशल डिस्टेंस में रखना चुनौती है। इस संबंध में डीजी (अपराध) अशोक कुमार का कहना है कि पुलिस ऐसे लोगों का पता लगाने में जुटी है। अभी पहले बाहर से आने वाले लोगों को क्वारंटीन कराना है। लॉकडाउन में सरकार ने गरीबों को दी बड़ी राहत. बढ़ाया मनरेगा मजदूरों का वेतन कोरोना: क्या देशभर में लागू होगा आपातकाल ? इंडियन आर्मी ने दिया जवाब कोरोना: आखिर क्यों राज्यपाल लालजी टंडन ने चखा भोजन?