उत्तराखंड: एमबीए-बीटेक वाले युवा छात्र भी अब खेतीबाड़ी में दिखा रहे है अपनी रूचि

देहरादून: कोरोना के कारण जारी किये गए लॉकडाउन की वजह से देश के प्रत्येक राज्य को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है. वही इस बीच लॉकडाउन के दौरान होटल, प्रबंध व अन्य कंपनियों से रोजगार गंवाकर अनेकों प्रवासी युवा अपने घर के लिए रवाना हो चुके हैं. रोजगार गंवाने के पश्चात् अब वे फिलहाल फिर बाहर जाना नहीं चाहते. वही अब ये अपने घर के आस-पास ही जीविका खोज कर अपने परिवार के साथ, उनके पास ही रहना चाहते हैं.

साथ ही इनमें अधिकांश युवाओं ने खेतीबाड़ी में इच्छा भी व्यक्त की है. आश्चर्यचकित कर देने वाली बात तो यह है कि इनमें कई एमबीए, बीटेक डिग्री वाले भी सम्मिलित हैं. सेवायोजन विभाग की तरफ से प्रवासियों का पंजीकरण कराया गया है. इनमें देहरादून शहर की बात करें तो अभी कुल 3915 पंजीकरण हो चुके हैं. इनमें अधिकतर 363 बेरोजगार युवाओं ने कृषि क्षेत्र में मौके देने की इच्छा व्यक्त की है. दूसरे नंबर पर युवाओं ने पर्यटन क्षेत्र का चयन किया है. 

अर्थात इसकी मुख्य वजह यह भी माना जा सकती है कि राज्य में पर्यटन की अपार आशंकाओं को देखते हुए उन्होंने इसमें सुरक्षित भविष्य माना है. चौकाने वाली बात तो यह है की खेतीबाड़ी को इच्छुक युवाओं में सर्वाधिक पोस्ट ग्रेजुएट व ग्रेजुएट हैं. कई युवाओं ने एमबीए, बीबीए, बीटेक जैसे प्रोफेशनल कोर्स भी कर रखे हैं. सेवायोजन कार्यालय की हेल्प डेस्क के कर्मियों के मुताबिक, इनमें अधिकतर होटल, प्राइवेट कंपनी से रहे हैं. पंजीकृत कराने वालों में सर्वाधिक युवा दिल्ली, गुड़गांव, मोहाली, चंडीगढ़, सूरत, अहमदाबाद जैसे महानगरों में नौकरी करते थे. और कोरोना के कारण उन्होंने अपने विचार भी बदल लिए है.

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