देहरादून में इस दवा का हो रहा तेजी से उत्पाद, कोरोना के कारण बढ़ी मांग

देहरादून:देश भर में  लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना का खौफ लोगों के लिए महामारी बनता जा रहा है. वहीं हर दिन कोरोना वायरस की चपेट में आने से परिवार टूट रहे है हर दिन इस वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा, और अभी भी यह नहीं कहा जा सकता है कि इस वायरस से पूर्ण रूप से कब तक छुटकारा मिल जाएगा. वहीं कोरोना से बचाव के लिए जिन दवाओं की देश-दुनिया में मांग हो रही है वह बड़े पैमाने पर देहरादून में भी तैयार होती है. दुनिया के कई देशों से मांग आने के बाद सेलाकुई स्थित कंपनी के प्लांट में इनका प्रोडक्शन बढ़ा दिया गया है. वर्तमान में इस प्लांट में पांच करोड़ टैबलेट प्रति माह बनाई जा रही हैं. कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इस प्रोडक्शन को और भी बढ़ाया जा सकता है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मलेरिया के इलाज में काम आने वाली इन दवाओं को कुछ हद तक कोरोना पर भी कारगर बताया जा रहा है. इन दवाओं का भारत की चुनिंदा कंपनियां ही बड़े पैमाने पर उत्पादन करती हैं. इन्हीं में से एक इप्का लेबोरेटरी भी है. इस कंपनी का सेलाकुई में एक प्लांट है. यहां पहले इस दवा की दो करोड़ टेबलेट प्रति माह तैयार की जाती थी. स्थानीय प्लांट के हेड गोविंद बजाज ने बताया कि इस दवा का उत्पादन अब पांच करोड़ टेबलेट प्रति माह कर दिया गया है. यदि सरकार की ओर से कोई निर्देश आते हैं तो इसे और भी बढ़ाया जा सकता है.

वहीं इस बारें में उन्होंने बताया कि इस दवा के लिए कच्चा माल भी उन्हीं की कंपनी ग्वालियर में तैयार करवाती है. लिहाजा, इसके लिए कच्चे माल की भी आगामी छह से सात महीने तक कोई कमी नहीं होने वाली है. इसके साथ ही सिक्किम में कंपनी का दूसरा प्लांट मलेरिया की ही दूसरी दवा तैयार करता है. इस वक्त कंपनी में हर शिफ्ट में लगभग 300 कर्मचारी काम कर रहे हैं.

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