लंदन: एकाएक बढ़ा ही जा रहा कोरोना का प्रकोप आज पूरी दुनिया के लिए महामारी का रूप लेता रहा है. वही इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 160000 से अधिक मौते हो चुकी है. लेकिन अब भी यह मौत का खेल थमा नहीं है. इस वायरस ने आज पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. कई देशों के अस्पतालों में बेड भी नहीं बचे है तो कही खुद डॉ. इस वायरस का शिकार बनते जा रहें है. फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने एक ताजा विवाद का दावा किया है कि SARS-CoV-2 वायरस एक लैब से आया है, और यह एड्स वायरस के खिलाफ एक वैक्सीन के निर्माण के प्रयास का परिणाम है. फ्रेंच मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में और पौरक्वेई डॉक्टेरियो द्वारा एक पॉडकास्ट के दौरान, एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंसी वायरस) की सह-खोज करने वाले प्रोफेसर मॉन्टैग्नियर ने कोरोवायरस के जीनोम और यहां तक कि कीटाणु के तत्वों में एचआईवी के तत्वों की उपस्थिति का दावा किया. वुहान शहर की प्रयोगशाला 2000 के दशक की शुरुआत से इन कोरोनवीरस में विशिष्ट है. इस क्षेत्र में उनके पास विशेषज्ञता है कि उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया गया था. सिद्धांत है कि कोविद -198 की उत्पत्ति हुई थी. लैब काफी समय से चक्कर लगा रही है. यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले हफ्ते फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट को स्वीकार किया कि उपन्यास कोरोनोवायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में काम कर रहे एक इंटर्न द्वारा गलती से लीक हो गया होगा. चीन. एक विशेष रिपोर्ट में, अज्ञात स्रोतों पर आधारित दावा किया गया है कि हालांकि वायरस चमगादड़ के बीच एक स्वाभाविक रूप से होने वाला तनाव है और एक बायोवेनन नहीं है, लेकिन वुहान प्रयोगशाला में इसका अध्ययन किया जा रहा था. समाचार चैनल ने कहा कि वायरस का प्रारंभिक संचरण बैट-टू-ह्यूमन था. US के कोरोना से बिगड़े हाल, एक दिन में मौत का आंकड़ा 1800 के पार न्यूयॉर्क जारी हुआ नया नियम, सब सभी को ढककर रखना होगा चेहरे को स्विटजरलैंड का यह पर्वत है तिरंगे जितना रोशन, कोरोना से लड़ने का देता है संदेश