क्या रैपिड टेस्ट के आगे फेल हो जाएगा कोरोना संक्रमण ?

भारत में उम्मीद से भी तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है. अब तक देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के 4000 से ज्यादा मामले अब तक सामने आ चुके हैं. यह वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका को बढ़ा रहा है. यदि कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं रोका गया तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है. इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि देश में कोरोना के ज्यादा टेस्ट होंगे.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि केरल सरकार ने रैपिड टेस्ट की घोषणा की है जो कि शीघ्र ही परिणाम सुनिश्चित करेगा और वो भी आधे घंटे में. केरल सरकार को इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की मंजूरी मिल गई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अपने हालिया जारी बयान में कहा है कि आइसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे द्वारा स्वीकृत किट का उपयोग करते हुए परीक्षण किया जाएगा.

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क्या है रैपिड टेस्ट

व्यक्ति के शरीर में किसी भी प्रकार का वायरल संक्रमण हुआ है या नहीं, यह जानने के लिए रैपिड टेस्ट किया जाता है. जब कोई रोगाणु व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है तो वायरस की प्रतिक्रिया स्वरूप शरीर एंटीबॉडीज जारी करता है. रैपिड टेस्ट इन एंटीबॉडीज को रक्त, सीरम या प्लाज्मा नमूनों में पता लगाकर के संक्रमण की पहचान करता है. आमतौर पर महामारी के दौरान वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की जांच के लिए इस टेस्ट को किया जाता है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यह सामान्य टेस्ट है और व्यक्ति के ब्लड सैंपल से किया जा सकता है. साथ ही इसके नतीजे महज 10 से 30 मिनट में आ जाते हैं. यह काफी कम कीमत में हो सकता है.

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