वाशिंगटन: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 119000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. वहीं कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी बोर्ड ने 25 गरीब देशों को तत्काल ऋण सेवा राहत देने की मंजूरी दी है. आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने एक बयान में कहा कि आज मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने 25 देशों के संशोधित तबाही कंटेनर एंड रिलेशन ट्रस्ट (सीसीआरटी) के तहत तत्काल ऋण सेवा राहत को मंजूरी दे दी है. उन्होंने आगे कहा कि यह हमारे गरीब और सबसे कमजोर सदस्यों को अगले छह महीनों में एक प्रारंभिक चरण के लिए अपने आईएमएफ ऋण दायित्वों को कवर करने के लिए अनुदान प्रदान करता है और महत्वपूर्ण आपातकालीन चिकित्सा और अन्य राहत प्रयासों के लिए उनके दुर्लभ वित्तीय संसाधनों को और अधिक चैनल में मदद करेगा. जिन 25 देशों को यह ऋण सेवा राहत मिलेगी, उनमें अफगानिस्तान, बेनिन, बुर्किना फासो, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड, कोमोरोस, कांगो, गाम्बिया, गिनी, गिनी-बिसाऊ, हैती, लाइबेरिया, मेडागास्कर, मलावी, माली, मोज़ाम्बिक, नेपाल, नाइजर, रवांडा, साओ टोम और प्रिंसिपे, सिएरा लियोन, सोलोमन द्वीप, ताजिकिस्तान, टोगो और यमन शामिल हैं. अगर केंद्र और राज्य के लॉकडाउन में है कंफ्यूज तो, जानें क्या है अंतर फ़्रांस में तेज हुई कोरोना की मार तो प्रेसिडेंट Emmanuel Macron ने बढ़ाई लॉकडाउन की मियाद अमेरिका में कोरोना से मिली कुछ राहत तो ट्रंप बोले- काम कर रही आक्रामक रणनीति