लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी। जी हाँ, कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से इसे रद्द कर दिया गया है। आपको बता दें कि यात्रा को लेकर राज्य सरकार और कांवड़ संघ के बीच बातचीत हुई थी, उसके बाद संघ ने यात्रा को रद्द करने का निर्णय लिया है। CM योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था और उसी निर्देश पर अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और डीजीपी मुकुल गोयल ने कांवड़ संघ से बातचीत की थी। बीते दिनों ही सुप्रीम कोर्ट में कांवड़ यात्रा को लेकर सुनवाई हो चुकी है। जी दरअसल कोर्ट ने योगी सरकार को पुनर्विचार करने का मौका दिया था और सुनवाई में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया था कि प्रदेश में कांवड़ यात्रा पर पूरी तरह रोक नहीं रहेगी, सांकेतिक रूप से कांवड़ यात्रा जारी रहेगी। यह सब होने के बाद भी सुनवाई में कोर्ट ने यूपी सरकार से फिर से विचार करने के लिए कहा था। जी दरअसल सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'यह हर किसी के लिए काफी अहम विषय है। हर शख्स की जिंदगी सबसे अहम है। धार्मिक और अन्य भावनाएं मौलिक अधिकार के अधीन ही हैं।' इसी के साथ केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि, 'कांवड़ यात्रा को उत्तराखंड जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।' जी दरअसल इस बार उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी और इसी के साथ ही बीते दिन राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी राज्य में कांवड़ यात्रा को बैन कर दिया। आपको बता दें कि यात्रा पर बिहार, ओडिशा, झारखंड में भी रोक लगाई जा चुकी है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट में कल यानी सोमवार को फिर से मामले की सुनवाई होनी है, जिसमें राज्य सरकार सावन महीने में कांवड़ यात्रा को रद्द किए जाने की जानकारी देगी। इसके अलावा श्रद्धालुओं को सावन के महीने में गंगाजल मुहैया कराने की योजना को लेकर भी सरकार कोर्ट में प्लान बता सकती है। आपको याद हो तो बीते साल भी कांवड़ संघ ने ही सरकार से बातचीत के बाद कांवड़ यात्रा आयोजित न करने पर सहमति जताई थी। क्या है आज के शुभ-अशुभ मुहूर्त, यहाँ जानिए पंचांग थककर कमरे में सोने गई महिला तो बिस्तर से निकले ऐसे जानवर की देखकर उड़े होश 6 हजार फीट की ऊंचाई से अनुपम खेर ने किया अपनी 519वीं फिल्म का ऐलान