कोरोना वायरस का कहर दुनिया में सबसे ज्यादा चीन में देखने को मिला है. कोरोना वायरस उन लोगों को दोबारा बीमार बना रहा है जिन्‍हें अस्‍पताल से छुट्टी दी जा चुकी है. चीन के दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत के चेंगदू शहर में उस शख्‍स को दोबारा अस्‍पताल में दाखिल कराना पड़ा जिसको बीमारी ठीक होने के बाद डिस्‍चार्ज कर दिया गया था. अस्‍पताल में दोबारा भर्ती कराए गए शख्‍स की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. शहर का सार्वजनिक स्वास्थ्य नैदानिक केंद्र की ओर से यह जानकारी दी गई है. FATF ने ईरान को किया ब्लैक लिस्ट, कहा- 'हालात सुधारने के लिए...' इस वायरस को लेकर सामने आई रिपोर्ट के अनुसार मरीज को डिस्‍चार्ज किए जाने के 10 दिन बाद की गई जांच में उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की बात सामने आई है. ऐसा नहीं है कि चीन में यह अपनी तरह की कोई इकलौती घटना है. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दूसरे इलाकों से भी ऐसी घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं. चीन के अखबार पीपुल्‍स डेली ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि किसी भी डिस्‍चार्ज किए जा चुके मरीज में दोबारा कोरोना वायरस की पुष्टि नमूनों में विसंगति के कारण हो सकती है. FATF ने पहले ईरान को किया ब्लैक लिस्ट, अब ग्रे लिस्ट में म्यांमार को डाला आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आधिकारिक गाइड लाइन में कहा गया है कि डिस्‍चार्ज किए गए मरीजों की दोबारा जांच निगेटिव आनी चाहिए. ऐसे में वायरस के इस व्‍यवहार से डॉक्‍टर भी हैरत में हैं. अखबार People's Daily ने सिचुआन प्रांत में वायरस के कारण होने वाली न्‍यूमोनिया का इलाज कर रहे एक डॉक्‍टर के हवाले से कहा है कि अस्पतालों ने मरीजों को छुट्टी देने से पहले होने वाली जांच में नाक और गले की सूजन के परीक्षण का उपयोग किया लेकिन अब फेफड़ों से निकलने वाले नमूनों की जांच भी जरूरी है. क्या भारत और पाकिस्तान के बीच सुलह का रास्ता खोल पाएंगे ट्रंप ? पांच करोड़ 50 लाख साल पुराना है यह रेगिस्तान, भरे है बड़े रहस्य अमेरिका की बड़ी घोषणा, सिखों को दी जाएगी धार्मिक चिह्नों के साथ कार्य करने की सुविधा