कोरोना वायरस के खात्मे को लेकर वैज्ञानिकों ने की अहम खोज

दुनिया के 180 से अधिक देशों को कोरोना ने अपना शिकार बना लिया है. जिससे निपटने के लिए देश पूरा प्रयास कर रहा है. वही, देश भर के आईआईटी अपने-अपने तरीके से कोरोना को मात देने में लगे हुए हैं. इसी क्रम में आईआईटी जोधपुर ने एक ऐसे उपकरण का निर्माण किया है, जो कोरोना वायरस का खात्मा करने का काम करेगा. यहां के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस तकनीक की मदद से मास्क, एप्रॉन, पीपीई किट सहित अन्य डिवाइस का फिर से उपयोग किया जा सकता है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस डिवाइस को बनाने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर राम प्रकाश ने बताया कि आईआईटी जोधपुर ने एडवांस्ड फोटोकेटालिटिक ऑक्सीडेशन स्टरलाइजेशन सिस्टम पर आधारित तकनीक का विकास किया है. इस डिवाइस का प्रयोग डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मेडिकल एसेसरीज और कोरोना मरीजों के इलाज में आने वाले मेडिकल उपकरणों को स्टरलाइज करने के लिए किया जा सकता है.

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वायरस के प्रकोप के बीच मौजूदा समय में इसका प्रयोग एन-95 मास्क के दोबारा प्रयोग करने में किया जा रहा है. इस डिवाइस की टेस्टिंग एम्स जोधपुर की टीम ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ विजयलक्ष्मी नाग और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विभोर टाक ने की है. प्रो रामप्रकाश ने बताया कि इस डिवाइस को सभी विभागों ने 15 दिन में मिलकर तैयार किया है. आईआईटी, जोधपुर के निदेशक शांतनु चौधरी ने कहा कि यह प्रयोग समय की मांग है. उन्होंने कहा कि हम इंडस्ट्री को यह उपकरण जीरो कॉस्ट पर ट्रांसफर करने के लिए तैयार हैं.

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