रेवाड़ी: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 30000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. वहीं देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन है. कोरोना के खिलाफ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी जंग लड़ रही है. लेकिन कई राज्यों में गरीब मजदूर दोहरी जंग लड़ रहे हैं. एक कोरोना से तो दूसरी पलायन से. दिल्ली हरियाणा जैसे राज्यों से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार व राजस्थान के मजदूरों का पलायन नहीं थम रहा है. आखिर लॉकडाउन के पांचवें दिन प्रशासन की ओर से रेवाड़ी में फंसे 13500 प्रवासी मजदूरों के लिए गाजियाबाद तक परिवहन विभाग ने 100 रोडवेज बसों की व्यवस्था की. मिली जानकारी के अनुसार बसों के संचालन की सूचना मिलते ही शहर के बावल, धारूहेड़ा और जिले से सटे बहरोड व नीमराणा से मजदूरों का हुजूम रेवाड़ी बस स्टैंड उमड़ पड़ा. सर्कुलर रोड स्थित रोडवेज कार्यशाला से शनिवार रात 11 बजे से ही बसें का जाना शुरू हो गया था. शहर और हाईवे पर पैदल चल रहे श्रमिकों को बसों पर बैठाया जा रहा था. रविवार सुबह साढ़े दस बजे तक इन बसों के माध्यम से करीब साढ़े पांच हजार श्रमिकों को गाजियाबाद के लिए रवाना किया गया. आज से यूपी सरकार के अधीन होगा इन बसों का संचालनः जंहा इस बात का पता चला है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हरियाणा सरकार से गाजियाबाद बस स्टैंड से श्रमिकों को अपने-अपने घरों को भेजने के लिए रोडवेज बस की मांग की थी. उसके तहत ही रेवाड़ी प्रशासन ने शनिवार को देर रात 11.30 बजे 100 बसें भेजने का निर्णय लिया. रात को शुरू हुआ बसों के जाने का यह सिलसिला सुबह साढ़े दस बजे तक जारी रहा. घर के लिए पैदल निकले युवक की हुई मौत, तीन बच्चों की थी जिम्मेदारी वॉक के बहाने रफूचक्कर होना चाहता था कोरोना पॉजिटिव, जानें क्या हुआ आगे अगर संदिग्ध या पॉजिटिव ने किया आइसोलेशन में जाने से मना तो, होगा ऐसा हाल