WHO का बड़ा बयान, कहा- पहले कोरोना मामलों को लेकर करें जांच

जेनेवा: दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर मासूम लोगों की जान का दुश्मन बन चुका है, हर दिन इस वायरस के कारण दुनियाभर में हजारों मौते हो रही है. वहीं लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रह है, इतना ही नहीं अब तो कोरोना वायरस ने एक महामारी का रूप भी ले लिया है जिसके बाद से लोगों के घरों में खाने की किल्लत बढ़ती ही जा रही है न जाने इस वायरस के कारण और ऐसी कितनी मासूम जिंदगियां है जो तबाही के कगार पर आ चुकी है. वहीं अब तक दुनियाभर में मौत का आंकड़ा 2 लाख 17  हजार के पार हो चुका है और अभी भी इस वायरस का कोई तोड़ नहीं मिल पाया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा कि फ्रांस में दिसंबर के महीने में कोरोना वायरस का केस पाए जाने संबंधी रिपोर्ट पर उसे कोई हैरानी नहीं है. संगठन ने सभी देशों से यह पता लगाने का अनुरोध भी किया है कि इस वायरस से संक्रमण का पहला मामला कब मिला था.बाद में इस वायरस की पहचान कोविड-19 के रूप में हुई और 31 दिसंबर, 2019 को चीन ने पहली बार इसके बारे में WHO को सूचना दी थी.

इससे पहले यह माना जा रहा था कि यूरोप में यह वायरस जनवरी में पहुंचा था. WHO के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमीयर ने यहां संयुक्त राष्ट्र की एक ब्रीफिंग में फ्रांस की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे इस पूरे मामले पर एक नई तस्वीर सामने आती है. इस जानकारी से वायरस के फैलने के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी. फ्रांस के अस्पताल ने न्यूमोनिया के एक पुराने मरीज के सैंपल की जांच के बाद कहा है कि उसने 27 दिसंबर को जिस मरीज का इलाज किया था उसे कोविड-19 का संक्रमण था. जबकि, फ्रांस में इसके करीब एक महीने बाद इस वायरस के पहले मामले की पुष्टि हुई थी. 

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