कोरोना संकट के बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि कोरोना संकट से निपटने के लिए चल रहे लॉकडाउन के दौरान लोगों के स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार का ध्यान रखा जाए। आयोग ने केंद्र सरकार से कहा है कि गृह मंत्रालय के जरिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बारे में उचित दिशानिर्देश या एडवाइजरी जारी करें. जापान में बद से बदतर हालात, पीएम ने फिर की लोगों से घरों में रहने की मांग अपने बयान मे आगे आयोग ने केंद्र से कहा है कि वह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कर कहें कि लॉकडाउन दिशानिर्देशों का पालन करते समय पुलिसकर्मी और सरकारी कर्मचारी नागरिकों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं। विशेषतौर पर वंचित वर्ग के प्रति संवेदनशील व्यवहार करें और लोगों के सम्मानपूर्वक जीवन और स्वतंत्रता के अधिकारों का ध्यान रखें। कोरोना वायरस को लेकर सनसनी खेज खुलासा, लक्षण पता चलने के पहले ही मरीज फैला देता है वायरस इसके अलावा आयोग ने ये निर्देश मानवाधिकार कार्यकर्ता माजा दारूवाला के पत्र पर संज्ञान लेते हुए जारी किये हैं। इस पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन को प्रभावी ढंग से लागू करने को लेकर सरकारी कर्मचारी और पुलिसकर्मी बहुत ज्यादा दबाव में होते हैं। ऐसे में वे कई बार गरीब और अनजान मजदूरों के प्रति बहुत सख्त हो जाते हैं वे उनके अधिकारों का भी ध्यान नहीं रखते। पीएम मोदी पर कपिल सिब्बल का वार, कहा- लोगों को भाषण नहीं, राशन चाहिए ... कोरोना पर बोला संयुक्त राष्ट्र, कहा - अब केवल वैक्सीन ही पूरी दुनिया को... कोरोना के कारण टली पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ सुनवाई