नई दिल्ली : अभी तक तो आपराधिक लोगों को ही पासपोर्ट नहीं दिया जाता था, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने एक और कदम उठाते हुए निर्णय लिया है कि भ्रष्टाचार के मामले में दोषी या आरोपी अधिकारियों को पासपोर्ट नहीं दिया जाएगा या रोक दिया जाएगा. इस बारे में एक अख़बार की रिपोर्ट कहती है कि यदि किसी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कोई जांच चल रही है या वह दोषी पाया गया है, अथवा उसके खिलाफ इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज की गई है, तो उसे पासपोर्ट नहीं दिया जाएगा. पासपोर्ट के लिए सरकार ने जो संशोधित गाइड लाइन जारी की गई है , उसके अनुसार ऐसे अधिकारियों को पासपोर्ट जारी करने के लिए सतर्कता मंजूरी भी नहीं दी जाएगी. उल्लेखनीय है कि किसी अधिकारी के खिलाफ कोई आपराधिक मामला होने पर उसका पासपोर्ट रोक देने का नियम पहले से है, लेकिन अब भ्रष्टाचार के मामले में भी ऐसा किया जा रहा है.नए नियम के अनुसार यदि किसी अधिकारी के खिलाफ कोई निजी एफआईआर दर्ज है और किसी सक्षम एजेंसी द्वारा चार्जशीट दाखिल की गई हो, तो ही उसे पासपोर्ट देने से इंकार किया जाएगा.कार्मिक मंत्रालय के अनुसार नए नियमों से सिर्फ उन्हीं अधिकारियों को छूट मिलेगी जिनको खुद के या अपने करीबी परिजन के इलाज के लिए विदेश जाना सख्त जरुरी हो. यह भी देखें बैंक धोखाधड़ी करने वालों के पासपोर्ट रद्द हों - ईडी बैंक घोटालेबाज़ों के खिलाफ सरकार का नया कदम