इंदौर। देश में पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता मोंडल ने तीसरे समुदाय को लेकर महत्वपूर्ण बात सामने रखी। तीसरे समुदाय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत है। इसके साथ ही, हर राज्य में ट्रांसजेंडर विकास बोर्ड होना चाहिए जिससे उत्थान के लिए निर्णय लिए जा सकें। भारत देश की पहली ट्रांसजेंडर न्यायाधीश ने शुक्रवार को तीसरे लिंग के लिए आरक्षण की जरूरत पर बल देते हुए ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरी का लाभ मिलने की बात कही। इसके साथ ही न्यायाधीश ने सरकार से तीसरे समुदाय के सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण के साथ अधिक सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर्स को कानूनी दर्जा और पहचान दी गई है, लेकिन उन्हें बड़े स्तर पर ज्यादा अवसर नहीं मिल रहे हैं। सरकार को ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरी देने के लिए आरक्षण पर जोर देना चाहिए। इस दौरान भारत देश की पहली ट्रांसजेंडर न्यायाधीश ने समलैंगिंग विवाह को वैध बनाना बहुत महत्वपूर्ण बताया और ट्रांसजेंडरों द्वारा बच्चों को गोद लेने की अनुमति देने पर भी जोर दिया। साथ ही कहा कि सभी कलंक से लड़ने के बाद ही कोई (लिंग परिवर्तन) सर्जरी करवाता है, जब उनके पास समर्थन करने के लिए कोई नहीं बचा होता है। इस वजह तीसरे और विशेष समुदाय के शादी करने और साथ ही उन्हें साथी बनाने का अधिकार अर्जित करना बहुत महत्वपूर्ण है। आगे कहा कि हमें (ट्रांसजेंडर) बच्चों को गोद लेने का अधिकार होना चाहिए। वायरल वीडियो पर मंत्री राजवर्धन सिंह की सफाई, कांग्रेस पर लगाया आरोप कृषि मंत्री पटेल के बिगड़े बोल कहा कमलनाथ का मानसिक संतुलन ठीक नहीं पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान पंडाल में दिखी शिवलिंग की आकृति, देखते ही झूम उठे भक्त