लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर मुस्लिम नेता और रामपुर से MLA आज़म खान के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे है। आजम खान को लगभग हर दूसरे से तीसरे दिन किसी ना किसी केस में अदालत में हाजिर होना पड़ रहा है। इस बीच रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने उन पर दस मामलों में आरोप निर्धारित कर दिए हैं। वही दूसरी ओर, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में प्राथमिकी निरस्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल SLP में उन्हें राहत नहीं मिली है। आजम खान ने इस संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि किसने कहा हमें झटका लगा कहै। हमने शीर्ष अदालत से दो राहत मांगी थी। एक मैक्सिमम रिलीफ और एक मिनिमम रिलीफ। मैक्सिमम रिलीफ में हमने मांग की थी कि अब्दुल्ला आजम खान के पास ना तो दो बर्थ सर्टिफिकेट हैं और ना ही उसके दो पासपोर्ट हैं और ना ही दो पैन कार्ड हैं। आजम खान ने कहा कि अब्दुल्ला आजम खान के पास एक ही बर्थ सर्टिफिकेट है और वो लखनऊ नगर निगम की तरफ से बनाया गया है, क्योंकि अब्दुल्ला का जन्म क्वीन मैरी हॉस्पिटल लखनऊ में हुआ था। आज़म खान ने कहा कि इस बात को लेकर उनकी मां का बयान है, मैटरनिटी लीव है। अब्दुल्ला के बाद उनकी कोई और संतान पैदा नहीं हुई। अब्दुल्ला के जन्म को लेकर डॉक्टर का स्टेटमेंट है और दो दो जगह डॉक्टरी मुआयना हुआ है। इसके बावजूद भी इंसाफ नहीं मिलता है तो हम जिम्मेदार नहीं हैं। आजम ने कहा कि लोअर कोर्ट के लिए लखनऊ उच्च न्यायालय का वह आर्डर बाइंडिंग नहीं होगा, यानी उसकी लाइट में अब यह केस नहीं चलेगा। निचली अदालत मेरिट और डी मेरिट के आधार पर इस केस का फैसला करेंगे। यह हमारे लिए झटका है। मीडिया पर तंज कसते हुए आजम खान ने कहा कि आप लोग तो चाहते ही नहीं कि हमें राहत मिले। आप तो चाहते हो कि हमें फांसी पर चढ़ा दिया जाए। कांग्रेस ने कभी भी संविधान का सम्मान नहीं किया: प्रधान दिल्ली: IGI एयरपोर्ट से सीधे LNJP अस्पताल भेजे जाएंगे मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज दिल्ली में AIDS के मरीजों का विरोध प्रदर्शन, जानिए क्या है मांग