इंदौर. ग्रुप हाउसिंग और बहुमंजिला इमारतों में घनत्व के नियम की अनदेखी को लेकर दायर एक याचिका के संबंध में हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि अब ग्रुप हाउसिंग के तहत बनी मल्टी स्टोरी में प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने से पहले अब हाई कोर्ट की अनुमति लेना होगी. शुक्रवार को प्रदीप हिंदूजा ने एडवोकेट रवींद्रसिंह छाबड़ा के माध्यम से जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा था कि इंदौर में ग्रुप हाउसिंग और बहुमंजिला इमारतों में घनत्व के नियम की अनदेखी हो रही है. नियमों को किनारा करते हुए इनके निर्माण की अनुमति भी मिल रही है और इनका सौदा भी हो रहा है. इससे कई व्यवहारिक दिक्कतें आ रही हैं. कोर्ट ने याचिका पर जारी आदेश में ग्रुप हाउसिंग में निर्माण पर तो रोक नहीं लगाई, लेकिन कहा है कि बिल्डर खुद अपनी ज़िम्मेदारी पर निर्माण करें. कोर्ट ने कहा है कि ग्रुप हाउसिंग के तहत बनी मल्टी स्टोरी में कोई भी प्रॉपर्टी बेंचने से पहले बिल्डर को कोर्ट से अनुमति लेना होगी. अनुमति के लिए याचिका दायर करने से पहले टीएंडसीपी से पुष्टि भी कराना होगी कि ग्रुप हाउसिंग में घनत्व के नियमों का पालन हुआ है. ज्ञात हो कि ग्रुप हाउसिंग की अनुमति के लिए न्यूनतम 5000 वर्गमीटर जमीन होना जरूरी है. यह यूनिवर्सिटी सिर्फ शाकाहारियों को ही देगी गोल्ड मैडल पढ़े-लिखे लोगो को ग्रामीणों से सीख लेने की आवश्यकता! जीएसटी रिटर्न फाइल के नियम हुए संशोधित