नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के बाहर तोड़फोड़ करने के मामले में अदालत ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है. मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने के मामले में अरेस्ट किए गए 8 लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि यह शांतिपूर्वक विरोध करने के मौलिक अधिकार से कहीं अधिक है. इस टिप्पणी के साथ ही अदालत ने चंद्र कांत भारद्वाज, नवीन कुमार, नीरज दीक्षित, सनी, जितेंद्र सिंह बिष्ट, प्रदीप कुमार तिवारी, राजू कुमार सिंह और बबलू कुमार को जमानत देने से साफ मना कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन कश्यप ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों का जरा भी सम्मान नहीं किया. अदालत ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने निर्देश में स्पष्ट कहा था कि CM आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है. जज नवीन कश्यप ने आगे कहा कि, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसी सियासी दल से जुड़े लोगों को इकट्ठा होने और विरोध करने का मौलिक अधिकार है, मगर इस अधिकार का इस्तेमाल करने की कुछ सीमाएं होती हैं और अनियंत्रित तरीके से इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.' बता दें कि 30 मार्च को भाजपा युवा मोर्चा (BJYM) ने केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के बयान को लेकर नारेबाजी की थी. 'आम आदमी पार्टी मुर्दाबाद' के नारे लगते शख्स का वीडियो वायरल, AAP दफ्तर से बुजुर्ग महिला को धक्के देकर निकाला ! 'रमज़ान है, मुस्लिम इलाकों में बिजली न कटे..', राजस्थान की कांग्रेस सरकार के आदेश पर क्यों भड़का सोशल मीडिया ? BJP के स्थापना दिवस पर PM मोदी ने कार्यकर्ताओं को दिया ये खास मंत्र