लखनऊ: बाबा विश्वनाथ की नगरी स्थित विवादित ज्ञानवापी परिसर का कब्जा भगवान आदि विश्वेश्वर को सौंपने सहित सभी मामलों की एक अदालत में सुनवाई करने से सबंधित प्रार्थना पत्र पर बुधवार (22 फ़रवरी) को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। केस स्थानांतरण सबंधित अर्जी पर सभी 7 केस के वकीलों ने अपली दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब अदालत एक मार्च को फैसला सुनाएगी। बता दें कि शृंगारगौरी प्रकरण की 4 वादी-लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने मामले के स्थानांतरण के लिए प्रार्थना-पत्र दिया है। उन्होंने कहा है कि जिला न्यायाधीश वादिनी किरण सिंह और अन्य की तरफ से ज्ञानवापी के संबंध में दाखिल वाद अपनी अदालत में स्थानांतरित कर एक साथ सुनवाई करें। अर्जी पर आपत्ति जताते हुए किरन सिंह के वकील ने कहा कि जिन वाद के स्थानांतरण की मांग की गई है, उसमें चारों महिलाएं पक्षकार नहीं हैं। कानूनी रूप से पक्षकार न होने की स्थिति में उन्हें केस के स्थानांतारण की मांग का अधिकार नहीं है। इसलिए उनका प्रार्थना पत्र खारिज होने योग्य है। इस प्रार्थना पत्र का विरोध राखी सिंह के वकील शिवम गौड़ ने भी किया। दलील दी कि सभी प्रार्थना पत्रों में मांग अलग-अलग हैं, तो सुनवाई एक साथ इस तरह होगी। कांग्रेस नेता के बेटे की शादी में हुई हर्ष फायरिंग, एक युवक की मौत, जाँच में जुटी पुलिस पंजाब: तलवारों और बंदूक के साथ अजनाला में थाने पर हमला, अमृतपाल सिंह के समर्थकों में मचाया उत्पात शराब घोटाला: ED ने दर्ज किए केजरीवाल के PA का बयान, क्या दिल्ली सीएम तक पहुंचेगी आंच ?