चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले का सामना कर रहे कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर को अगले बुधवार तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए। यह निर्देश एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसे पानीपत के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दायर किया था। याचिका में आरोप लगाया गया कि एजेंसियां धर्म सिंह छोकर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही हैं, जबकि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। इसके बावजूद, वह हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे। धर्म सिंह छोकर, जो पानीपत की समालखा सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आरोपों का सामना कर रहे हैं। याचिका में बताया गया कि उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हैं और ईडी की जांच भी जारी है। गुरुग्राम की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए थे, लेकिन इसके बावजूद धर्म सिंह छोकर ने राहत पाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली। मामले में हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने मीडिया को बताया कि याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष यह दावा किया कि कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ कई मामले लंबित हैं, और गैर-जमानती वारंट होने के बावजूद वह खुलेआम चुनाव प्रचार कर रहे हैं। कोर्ट ने आदेश दिया कि धर्म सिंह छोकर को बुधवार तक आत्मसमर्पण करना होगा। गौरतलब है कि पिछले साल ईडी ने रियल एस्टेट धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में धर्म सिंह छोकर और उनके बेटे के ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह मामला 2021 में दर्ज किया गया था, लेकिन सवाल यह उठता है कि इतने गंभीर आरोपों और गैर-जमानती वारंट के बावजूद धर्म सिंह छोकर खुला कैसे घूम रहे हैं? आखिर कोर्ट के आदेश के बाद भी एजेंसियां उनके खिलाफ क्यों ठोस कार्रवाई नहीं कर रही हैं? जन-धन योजना को बनाया सफल, गति-शक्ति को दी रफ़्तार, जानिए कौन हैं अनुराग जैन? इंदौर में मां दुर्गा की मूर्ति को पहनाया ‘बुर्का’, पुलिस बोली- ‘कुछ भी विवादित नहीं’ '‘सुंदर लड़कियां किसान के बेटे को पसंद नहीं करतीं', MLA के बयान ने मचाया बवाल