नई दिल्ली: कोरोना वायरस की महामारी से इस वक़्त पूरा विश्व जूझ रहा है. विश्वभर के वैज्ञानिकों के लिए यह बीमारी एक चुनौती बनती जा रही है, जिसकी दवा या वैक्सीन कई देशों के चिकित्सक बनाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसा ही प्रयास इंडिया में भी किया जा रहा है. हिंदुस्तान के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 से लड़ने के लिए कोवैक्सीन(Covaxin) बन चुकी है, जिसका ट्रायल दिल्ली के एम्स समेत 12 अन्य संस्थानों में किया जा रहा है, और इस पर बहुत साड़ी अच्छी खबर सामने आ रही है. मिली जानकारी के अनुसार इस समय एम्स में पहले दौर का मानव टेस्ट किया जा रहा है. इसके तहत एम्स में अब तक 16 लोगों को वैक्सीन की डोज दे दिए गए है. पहले वॉलंटियर को वैक्सीन दिए हुए तकरीबन 2 हप्ते हो चुके है. व्यक्ति निरंतर डॉक्टरों की निगरानी में है और अच्छी बात यह है कि 2 हप्तों के उपरांत भी उसमें कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिले है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि टीके के पहले चरण का ट्रायल पूर्ण हो चुका है. अभी रोका हुआ है ट्रायल: जंहा इस बता का पता चला है कि एम्स में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के प्रोफेसर डॉ संजय राय ने कहा कि 2 हप्तों से व्यक्ति पर निगाहें जमाए हुए है. वह पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके है. उन्होंने कहा कि रोजाना कोवैक्सीन के लिए तकरीबन 30 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. स्क्रीनिंग के उपरांत ब्लड टेस्ट सहित अन्य टेस्ट किये जा रहे हैं, जिनमें 3 दिन का वक़्त लग जाता है. फिलहाल ट्रायल को रोक दिया गया है. और सभी 16 वॉलंटियर की रिपोर्ट एथिक्स कमेटी को सोप दी गई है. समिति की अनुमति के बाद अन्य लोगों का टेस्ट करना शुरू कर दिया जाएगा. जन्माष्टमी : जन्माष्टमी का प्रसाद होना चाहिए ऐसा, मक्‍खन मिश्री समेत बनाए ये भोग जन्माष्टमी : जन्माष्टमी पर किस तरह सजाए पूजा घर ? यूपी के समाज कल्याण विभाग में मृतक आश्रितों की भर्ती में बड़ा झोल आया सामने