जब घर और गांव में नहीं मिला कोरोना का कोई भी मरीज, तब सामने आई चौकाने वाली खबर

शिमला: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 184000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. वहीं  हिमाचल के हमीरपुर जिले में दो कोरोना संक्रमितों के घर और गांव के करीब सभी ग्रामीण जांच के बाद कोरोना निगेटिव आ रहे हैं. इसके चलते जिले में कोरोना संक्रमित दो लोगों का मामला मेडिकल साइंस और प्रदेश सरकार के लिए पहेली बनता जा रहा है. मामला सामने आने के चार दिन के बाद भी यह पता नहीं चला है कि आखिर महिला और पुरुष कैसे संक्रमण की चपेट में आए.

सूत्रों का कहना है कि दोनों का न तो कोई यात्रा इतिहास है, न परिवार और गांव में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति है. जंहा नादौन उपमंडल के स्कूल प्रिंसिपल और हमीरपुर के एक पंचायत की प्रवासी ठेकेदार की पत्नी को छह दिन पहले हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में लिए रैंडम सैंपल की जांच के बाद कोरोना संक्रमित घोषित किया था. दोनों ने पूछताछ के बाद बताया कि उन्होंने पांच मार्च के बाद जिले से बाहर यात्रा नहीं की है.

वहीं इस बता का पता चला है कि 18 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग ने दोनों संक्रमितों के घर और गांव जाकर परिवार और ग्रामीणों के सैंपल भी लिए. बीते बुधवार यानी 22 अप्रैल 2020 की शाम तक 265 सैंपल की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. एहतियातन स्वास्थ्य विभाग ने दोनों संक्रमित व्यक्तियों की आसपास की डेढ़ दर्जन पंचायतें और पूरे नगर परिषद हमीरपुर को सील कर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया. बड़े स्तर पर हॉटस्पॉट एरिया में स्क्रीनिंग और सैंपलिंग का अभियान शुरू किया.

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