भारत में कोरोना वायरस के प्रसार का बड़ा केंद्र बने इंदौर में सोमवार को ईद-उल-फितर का त्योहारी उल्लास घरों में सिमट गया. गुजरे 300 साल में ऐसा पहली बार हुआ, जब शहर के एक प्रमुख ईदगाह में ईद की नमाज नहीं पढ़ी जा सकी. भारत-चीन के बीच फिर गहराया तनाव, लद्दाख में हो सकता है बड़ा सैन्य टकराव आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस कर्फ्यूग्रस्त शहर में हजारों लोगों ने ईद की नमाज अपने घरों में ही अदा की और इसके बाद एक-दूसरे से गले मिलने के बजाय फोन, वीडियो कॉल व सोशल मीडिया के जरिए इस त्योहार की मुबारकबाद का आदान-प्रदान किया. शहर काजी मोहम्मद इशरत अली ने संवाददाताओं को बताया कि पिछले 300 साल में ईद पर पहली बार ऐसा मौका आया है, जब (कर्फ्यू के चलते) शहर के सदर बाजार ईदगाह के ताले तक नहीं खुले. लॉकडाउन में अक्षय कुमार ने शुरू की शूटिंग, मास्क लगाए आए नजर! अपने बयान में अली ने कहा कि कोविड-19 हम इंसानों के लिए एक सजा नहीं है, तो आखिर क्या है? दुनिया भर में हर धर्म के इबादतगाह बंद पड़े हैं. ऐसे वक्त जरूरत इस बात की है कि हम इंसानियत का माहौल और भाईचारा बनाए रखें. इस बीच, पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों ने शहर काजी के घर जाकर उन्हें ईद-उल-फितर की मुबारकबाद दी. हालांकि, इस दौरान भी शहर काजी और अफसरों को शारीरिक दूरी की हिदायतों का पालन करते देखा गया. सोनू सूद से युवक ने की गर्लफ्रेंड से मिलवाने की मांग, एक्टर ने कहा- 'थोड़े दिन दूर रहो...' असम में कोरोना का विस्फोट, एक ही दिन में आए रिकॉर्ड 156 नए मामले भारत के जाबाज़ पहलवान सुशील कुमार को जन्मदिन की ढेरों बधाईयां