भारत में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है. वही, यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के जैव रसायन विभाग की एक संकाय सदस्य ने कोरोना वायरस को लिए एक टीका बनाया है. टीके को टी सेल एपिटोप्स कहा जाता है जो नोवल कोरोना वायरस के सभी 'संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के परीक्षण के लिए है.' कोरोना को लेकर अफवाह फैलाने वाली कोलकाता की युवती गिरफ्तार इस सफलता को लेकर एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'हैदराबाद विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज की संकाय सदस्य डॉक्टर सीमा मिश्रा ने परीक्षण के लिए सेल एपिटोप्स नामक संभावित टीके उम्मीदवारों को डिजाइन किया है जो नोवल कोरोनोवायरस (2019-nCoV) के सभी संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक प्रोटीनों के खिलाफ है. ये वैक्सीन छोटे कोरोनवायरल पेप्टाइड्स हैं, जो अणुओं की कोशिकाओं द्वारा उपयोग किया जाता है. इन वायरल पेप्टाइड्स को नुकसान पहुंचाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता तैयार की जा सके. कम्प्यूटेशनल सॉफ्टवेयर के साथ शक्तिशाली इम्यूनोइंफोर्मेटिक्स का उपयोग करते हुए, डॉक्टर सीमा मिश्रा ने इन संभावित एपिटोप्स को इस तरह से डिजाइन किया है कि पूरी आबादी को इसका टीका लगाया जा सकता है.' उत्तर प्रदेश में भूखा नहीं सोएगा कोई गरीब, भाजपा ने बनाया मास्टर प्लान आपकी जानकारी के लिए बता दे कि विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, 'आमतौर पर किसी टीके की खोज में 15 साल लगते हैं, लेकिन शक्तिशाली कम्प्यूटेशनल टूल ने लगभग 10 दिनों में इस वैक्सीन को बनाने में मदद की. वायरस को रोकने के लिए मानव कोशिकाओं द्वारा कितना प्रभाव इस्तेमाल किया जाएगा, इसके आधार पर संभावित टीकों की एक रैंक सूची तैयार की गई है. मानव प्रोटीन पूल में मौजूद किसी भी मैच के साथ इस कोरोनवायरल एपिटोप्स मानव कोशिकाओं पर कोई विपरित असर नहीं डालते हैं इसलिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया वायरल प्रोटीन के खिलाफ होगी न की मानव प्रोटीन के. हालांकि इन परिणामों को निर्णायक रूप प्रदान करने के लिए प्रयोगात्मक रूप से जांच की जानी है. लॉकडाउन: गरीबों को मोदी किट बांटेगी भाजपा, आटा-दाल जैसी खाद्य सामग्री होगी शामिल क्या चीन ने जैविक हथियार की तरह किया 'कोरोना' का इस्तेमाल ? भारत ने उठाए सवाल जनता की कठिनाई को दूर करने के लिए पीएम मोदी ने इन लोगों से मांगी मदद